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‘भारत लोकतंत्र की जननी’, Summit for Democracy में बोले-पीएम मोदी बोले-लोकतंत्र सिर्फ एक ढांचा नहीं है, यह एक आत्मा भी है

पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र को लेकर आयोजीत शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत वास्तव में लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र सिर्फ एक ढांचा नहीं है, यह एक आत्मा भी है। यह इस विश्वास पर आधारित है कि हर इंसान की जरूरतें और आकांक्षाएं समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत में हमारा मार्गदर्शक दर्शन सबका साथ, सबका विकास’ है – जिसका अर्थ है ‘समावेशी विकास के लिए एक साथ काम करना’। उन्होंने कहा कि भारत आज अनेक वैश्विक चुनौतियों के बावजूद सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। यह स्वयं विश्व में लोकतंत्र के लिए सबसे अच्छा विज्ञापन है।

मोदी ने कहा कि हमारी वैक्सीन मैत्री पहल ने लाखों वैक्सीन को दुनिया के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि यह ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना से भी निर्देशित था, जो कि एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के गुणों के बारे में कहने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि भारत कई वैश्विक चुनौतियों के बावजूद आज सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि यह अपने आप में दुनिया में लोकतंत्र का सबसे अच्छा विज्ञापन है। यह अपने आप में कहता है कि डेमोक्रेसी डिलीवर कर सकती है!

‘समिट फॉर डेमोक्रेसी 2023’ में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि निर्वाचित नेताओं का विचार प्राचीन भारत में बाकी दुनिया से बहुत पहले सामान्य बात था। प्रधानमंत्री मोदी ने जो. बाइडन की सह-मेजबानी में आयोजित सम्मेलन में कहा कहा कि भारत वास्तव में लोकतंत्र की जननी है; लोकतंत्र सिर्फ एक ढांचा नहीं है, यह एक भावना भी है।