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बीते कुछ वर्षों में भारत की सबसे महत्वपूर्ण success stories में हमारा स्टार्टअप इकोसिस्टम भी एक महत्वपूर्ण स्थान ले चुका है: पीएम मोदी

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रमुख प्रौद्योगिकी कार्यक्रम के रूप में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2023 के 7वें संस्करण का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य प्रमुख अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के डेवलपर, निर्माता और निर्यातक के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करना है। तीन दिवसीय कार्यक्रम नई दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 6जी में नेतृत्व करेगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”21वीं सदी में तेजी से बदलती दुनिया के समय में आयोजित यह कार्यक्रम करोड़ों लोगों का भविष्य बदलने की क्षमता रखता है।”

मोदी ने कहा कि भारत में सबसे तेज़ 5G मोबाइल टेलीफोनी रोल-आउट देखा गया; रोल-आउट के एक वर्ष के भीतर 4 लाख 5G बेस स्टेशन स्थापित किए गए। मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड में भारत पिछले 118वें स्थान से 43वें स्थान पर पहुंच गया है। आज तकनीक में हर दिन हो रहे बदलावों के कारण हम कह सकते हैं कि भविष्य यहीं और अभी है। उन्होंने कहा कि इनसे देश के 97% शहरों और 80% से ज्यादा जनसंख्या को कवर किया जा रहा है। हम न सिर्फ भारत में तेजी से 5G का विस्तार कर रहे हैं, बल्कि 6G के क्षेत्र में भी लीडर बनने की दिशा में बढ़ रहे हैं।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में विकास का लाभ हर वर्ग, हर क्षेत्र तक पहुंचे, भारत में संसाधनों का सभी को लाभ मिले, सभी को सम्मानजनक जीवन मिले और सभी तक टेक्नोलॉजी का फायदा पहुंचे, इस दिशा में हम तेजी से काम कर रहे हैं। मेरे लिए यही सबसे बड़ा सामाजिक न्याय है। उन्होंने कहा कि भारत नेट प्रोजेक्ट ने अब तक करीब 2 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ा है। हमारी अटल टिकरिंग लैब के पीछे भी यही विचार है। 10 हजार लैब्स के जरिए हम करीब 75 लाख बच्चों को cutting edge technology से जोड़ पाए हैं।

 

 

मोदी ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में भारत की सबसे महत्वपूर्ण success stories में हमारा स्टार्टअप इकोसिस्टम भी एक महत्वपूर्ण स्थान ले चुका है। बहुत कम समय में हमने Unicorns का शतक लगाया है और हम दुनिया के top 3 स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक बने हैं। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भारत के पास मात्र कुछ सौ स्टार्टअप थे। लेकिन अब ये संख्या 1 लाख के आसपास पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि भारत का सेमीकंडक्टर मिशन सिर्फ अपनी domestic डिमांड ही नहीं, बल्कि दुनिया की जरूरत पूरी करने के मिशन पर आगे बढ़ रहा है। विकासशील देश से विकसित देश होने के सफर को अगर कोई और तेज करता है, तो वो है – Technology।