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Delhi Budget 2022: दिल्ली सरकार ने 75,800 करोड़ का बजट पेश किया, जानिए बजट की खास बातें

नई दिल्ली दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को 2022-23 का बजट पेश किया जिसे ‘रोजगार बजट’ का नाम दिया है। दिल्ली सरकार का यह बजट 75,800 करोड़ रुपये का है जो साल 2015-15 के बजट से ढाई गुना ज्यादा है। इस बजट के माध्यम से सरकार ने सरकारी से लेकर तमाम सेक्टरों में अगले पांच साल में 20 लाख रोजगार पैदा करने का लक्ष्य रखा है। जानिए इस बजट में किसके लिए क्या है…

बीते सात साल में दिए 12 लाख रोजगार- दिल्ली सरकार के इस बजट में बताया गया है कि दिल्ली में बीते सात साल में लगभग 12 लाख युवाओं को रोजगार मिला इसमें से इनमें से लगभग 1.78 लाख रोजगार सरकारी सेक्टर में थे और लगभग 10 लाख निजी क्षेत्र में थे।

अभी दिल्ली के 33 प्रतिशत लोगों के पास जॉब है, जिसे अगले पांच साल में 45 प्रतिशत करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है।
रोजगार के लिए चिन्हित किए ये आठ सेक्टर- रिटेल सेक्टर, फूड एंड बेवरेज, लॉजिस्टिक एंड सप्लाई चेन, ट्रवेल एंड टूरिज्म, एंटरटेनमेंट, कंस्ट्रक्शन, रियल एस्टेट, ग्रीन एनर्जी।
केजरीवाल सरकार दिल्ली के पांच बाजारों को रीडेवलप करेगी। इसके लिए किए निम्न प्रावधान- -वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट में रखा 100 करोड़ का प्रावधान , लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार, दिल्ली के माल पर देश को पूरा भरोसा।
शॉपिंग फेस्टिवल का होगा आयोजन- सरकार दिल्ली में होलसेल और शॉपिंंग फेस्टिवल आयोजित करेगी। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में 250 करोड़ का प्रावधान है। इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। वैसे ही जैसे चीन अपने बाजारों को प्रमोट करता है। सरकार गो लोकल पर काम करेगी।
बाजारों के लिए 20 करोड़ का प्रावधान- चांदनी चौक, सरोजनी नगर, करोल बाग के लिए 20 करोड़ का प्रावधान बजट में किया गया है। एशिया के सबसे बड़े गारमेंट बाजार गांधीनगर को ग्रैंड रेडीमेड बाजार बनाने का प्रवाधान किया गया है।
बिजनेस ब्लास्टर योजना- आगे आने कुछ वाले सालों में करीब 9 करोड़ रोजगार की आवश्यकता होगी, इसके लिए स्कूल लेवल पर बिजनेस ब्लास्टर स्कीम के तहत 9 करोड़ रोजगार इन्हीं युवाओं द्वारा सृजित किया जाएगा।
फूड ट्रक पॉलिसी- दिल्ली सरकार फूड ट्रक पॉलिसी ला रही है। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक ट्रेड के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिटी, बपरौला में 90 एकड़ में बनाया जाएगा। औद्योगिक क्षेत्र का रिडवलपमेंट करने की भी योजना है।
बस डिपो की जमीन पर बनेंगे मॉल- दिल्ली में मॉल्स कम हैं, एनसीआर में ज्यादा हैं। ऐसे में दिल्ली में बस डिपो और टर्मिनल्स की बची जगहों पर शॉपिंग और फूड हब्स बनाए जाएंगे।
स्टार्टअप पॉलिसी के लिए 50 करोड़ का प्रावधान- दिल्ली की नई स्टार्टअप पॉलिसी का लक्ष्य है कि उद्यमी का 100 प्रतिशत ध्यान उसके काम पर हो न कि उससे जुड़ी औपचारिकताओं पर। इसके 50 करोड़ का किया प्रावधान।
नई फिल्म पॉलिसी- नई फिल्म पॉलिसी से भी सरकार हजारों जॉब के सृजन होने की उम्मीद में है।
एक लाख ग्रीन जॉब्स- सरकार का लक्ष्य 1 लाख ग्रीन जॉब्स सृजित करना भी है। जिस तरह से दिल्ली में ई-वाहनों की बिक्री बढ़ी है इससे उसके रखरखाव आदि के लिए अगले पांच साल में इन वाहनों के रख-रखाव में 20 हजार जॉब पैदा होंगे। दिल्ली सरकार अगले वर्ष से 30 प्रतिशत रिजर्वेशन के साथ महिला ड्राइवरों के लिए 4200 ई-ऑटो लेकर आएगी।
सोलर प्लांट- अगले पांच साल में रूफ टॉप सोलर प्लांट की क्षमता को 2500 मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
अर्बन फार्मिंग- सरकार का लक्ष्य अर्बन फार्मिंग से अगले पांच साल में 25 हजार जॉब उपलब्ध कराने का है।
जलाशयों को पुनर्जीवित किया जाएगा- दिल्ली के 600 जलाशयों का पुनर्विकास करने के लिए 750 करोड़ के बजट का प्रावधान। इसमें भी सृजित होंगे रोजगार।
रोजगार पोर्टल 2.0- रोजगार पोर्टल 2.0 लाया जाएगा जिसका मुख्य फोकस महिलाओं पर होगा।
एंप्लॉयमेंट ऑडिट- सरकार बजट में जो भी प्रावधान किए गए हैं उसके तहत जहां-जहां भी खर्च होगा उससे कितने रोजगार पैदा हुए इसका भी ऑडिट कराएगी। ऐसा करने वाली दिल्ली देश की पहली सरकार होगी।
स्वास्थ्य के लिए ये होंगे प्रावधान-
मोहल्ला क्लीनिक और पॉलीक्लीनिक के लिए इस बजट में 478 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
अस्पतालों के निर्माण और मौजूदा सरकारी अस्पतालों की रीमॉडलिंग के लिए 1900 करोड़ का प्रावधान किया गया।
दिल्ली आरोग्य कोश के लिए भी 50 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया।
ई-हेल्थ कार्ड भी अगले साल जारी किया जाएगा, 60 करोड़ का किया प्रावधान।
शिक्षा क्षेत्र- 16278 करोड़ रुपये का प्रवधान किया गया है, जबकि दिल्ली आश्रय सुधार बोर्ड के लिए 766 करोड़ रुपये का बजट होगा।
यमुना सफाई- दो सालों में यमुना पूरी तरह से साफ करने का भी सरकार ने इस बजट में लक्ष्य रखा है।
मुफ्त बिजली-पानी- मुफ्त बिजली और पानी की सुविधा दिल्ली वालों के लिए जारी रहेगी।
रेड लाइट पर भीख मांगने वाले बच्चों के लिए स्कूल- उन बच्चों के लिए स्टेट ऑफ द आर्ट फैसिलिटी का स्कूल बनाएंगे जो बच्चे लोगों को रेड लाइट पर मिलते हैं। इनकी तरफ कोई ध्यान नहीं देता। 10 करोड़ का इसके लिए प्रावधान किया गया है। ये रेजिडेंशियल स्कूल होगा बिल्कुल अलग तरह का।