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महराजगंज में बोले सीएम योगी -लोककल्याण ही धर्म का आधार है, धर्म हमें लोककल्याण को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देती हैं

लखनऊ सीएम ने कहा कि चेतन जगत के प्रति हमारी श्रद्धा हमारी पहचान हैं और यही सनातन का आधार भी हैं, लोक कल्याण से जुड़ी हर क्रम सनातन का अंग हैं। दुनिया में तमाम धर्म, संस्कृति और पंथ आये और समाप्त हो गए, आगे भी तमाम आएंगे और जाएंगे लेकिन चीर सनातन धर्म आज भी उसी अवस्था में जीवंत हैं तो इसका एक मात्र कारण लोककल्याण की अवधारणा हैं।

सृष्टि और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का भाव सनातन धर्म-संस्कृति की पहली विशेषता है। सनातन संस्कृति हमें कृतज्ञता का भाव सिखाता हैं, जो हमें निरंतर आगे बढ़ने की नई प्रेरणा प्रदान करता है। यह बातें मुख्यमंत्री गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जिले के प्राचीन गुरु गोरखनाथ मंदिर चौक परिसर स्थित शिव मंदिर के जीर्णोद्धार एवं मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सम्मलित होने के उपरांत लोगों को संबोधित करते हुए कहीं।

उन्होंने कहा कि लोककल्याण ही धर्म का आधार है, धर्म हमें लोककल्याण को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देती हैं। कहा कि हनुमान जी जब लंका में जा रहे थे तब पर्वत ने उनसे प्रश्न किया था कि सनातन धर्म की परिभाषा क्या है? उन्होंने जवाब दिया था कि कोई आप पर कृपा करे तो उसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना ही सनातन धर्म का कर्तव्य है। यही इसका पहला लक्षण भी है। हर सनातन धर्मावलंबी इस भाव को ठीक से समझता है। उन्होंने कहा कि जीवन चक्र जड़-चेतन के बेहतर समन्वय से चलता है। यही कारण है कि हमारे सनातन धर्म ने वनस्पतियों, जीव-जंतुओं के महत्व को समान रूप से स्वीकार किया है।

सीएम ने कहा कि चेतन जगत के प्रति हमारी श्रद्धा हमारी पहचान हैं और यही सनातन का आधार भी हैं, लोक कल्याण से जुड़ी हर क्रम सनातन का अंग हैं। दुनिया में तमाम धर्म, संस्कृति और पंथ आये और समाप्त हो गए, आगे भी तमाम आएंगे और जाएंगे लेकिन चीर सनातन धर्म आज भी उसी अवस्था में जीवंत हैं तो इसका एक मात्र कारण लोककल्याण की अवधारणा हैं, जो हमें सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया और वसुधैव कुटुम्बकम् की धारणा प्रदान करती हैं।

इस अवसर पर कथावाचक बालक दास महराज, संतोष दास महराज, रविन्द्र दास, त्यागीनाथ उर्फ फलहारी बाबा, केन्द्रीय मंत्री पंकज चौधरी, विधायक जयमंगल कन्नौजिया, प्रेम सागर पटेल, ज्ञानेन्द्र सिंह, ऋषि त्रिपाठी आदि मौजूद रहें।