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प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेना वाले युवाओं के मुकदमे वापस लिये जायेंगे: धामी

गैरसैंण। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को राज्य विधानसभा में घोषणा की ​कि हाल में देहरादून में हुई एक घटना में ऐसे युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे जिन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेना है। यहां जारी बजट सत्र के दौरान दिए अपने संबोधन में धामी ने देहरादून में हाल में बेरोजगार युवाओं द्वारा किए गए प्रदर्शन का नाम लिए बिना कहा, ‘‘हाल ही में देहरादून में हुई घटना में जिन युवाओं पर मुकदमे दर्ज हुए, उनमें से जिन युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेना है, उनके मुकदमे वापस लिये जायेंगे।’’ पिछले महीने भर्ती परीक्षाओं में कथित धांधली की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग को लेकर बेरोजगार युवाओं के प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था जिसके बाद उन्हें तितर—बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

इसमें युवा और पुलिस दोनों पक्षों को चोटें आयी थीं। इस दौरान युवाओं के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए गए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने प्र​तियोगी परीक्षाओं को नकल विहीन बनाने का संकल्प लिया है और इसे सिद्धि तक भी पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 22 वर्ष में नकल माफियाओं के गिरेबान में केवल उन्हीं की सरकार ने हाथ डाला और देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून बनाया। उन्होंने कहा कि विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में धांधली करने वाले 60 से ज्यादा लोगों को जेल में डाला गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता से किया समान नागरिक संहिता का वादा पूरा करने के लिए उनकी सरकार ने समिति गठित की है जो जनप्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों, संस्थाओं, आमजन आदि से सुझाव लेकर मसौदा तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, उनकी सरकार ने प्रलोभन से धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिये सख्त धर्मांतरण कानून बनाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कानून बनाया तथा राज्य आंदोलनकारियों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण देने को मंजूरी दे दी है।