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15 दिन की पैरोल के बाद सरेंडर करने के लिए सहरसा जेल पहुंचे आनंद मोहन

बिहार के डॉन और राजनेता आनंद मोहन इन दिनों लगातार सुर्खियों में हैं। गैंगस्टर-राजनेता आनंद मोहन को एक भीड़ का नेतृत्व करने के लिए दोषी ठहराया गया था, जिसने गोपालगंज के जिला मजिस्ट्रेट जी कृष्णैया को उनकी कार से खींच कर पीट-पीटकर मार डाला था। बिहार के पूर्व सांसद और हत्या के दोषी आनंद मोहन सिंह 15 दिन की पैरोल के बाद खुद को आत्मसमर्पण करने के लिए सहरसा जेल पहुंचे। बिहार सरकार ने हाल ही में उसके सहित 27 दोषियों को रिहा करने की अनुमति देते हुए जेल नियमों में संशोधन किया था।

क्यों रिहा हो रहे हैं आनंद मोहन?

बिहार के पूर्व सांसद को 26 अन्य लोगों के साथ रिहा किया जाना है, जो 14 साल से अधिक समय से राज्य की विभिन्न जेलों में बंद हैं। 10 अप्रैल को बिहार सरकार ने मोहन की रिहाई की सुविधा के लिए नियम 481 में बदलाव करते हुए जेल नियमावली, 2012 में बदलाव किया। राज्य सरकार की आधिकारिक अधिसूचना ने 26 अन्य कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया, जिन्होंने 14 से 20 साल के बीच जेल में सेवा की थी।

आईएएस की पत्नी ने बिहार सरकार के फैसले पर नाराजगी जताई

पूर्व सांसद आनंद मोहन को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर नाराजगी जताते हुए मारे गए आईएएस अधिकारी की पत्नी उमा कृष्णैया ने मंगलवार को कहा कि राजनीतिक कारणों से ऐसे निर्णय नहीं लिए जाने चाहिए और राजनीति में अपराधियों को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बिहार के मुख्यमंत्री का बेहद गलत फैसला है। अच्छे लोगों को चुनाव लड़वाना चाहिए, तभी अच्छी सरकार बनेगी। अगर अपराधियों को चुनाव लड़वाया जाएगा, तो हर कोई विरोध करेगा।