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चुनाव हारने के बाद केशव की बढ़ी मुश्किलें: संघ और संगठन तय करेंगे राजनीतिक भविष्य

लखनऊ भाजपा के कद्दावर पिछड़े वर्ग के नेता केशव प्रसाद मौर्य के सिराथू से चुनाव हारने के बाद उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। बहरहाल केशव अभी विधान परिषद सदस्य हैं। ऐसे में केशव को योगी सरकार में जगह मिलेगी या उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय टीम में जिम्मेदारी दी जाएगी, इसका निर्णय पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अगले सप्ताह तक करेगा।

केशव ने विश्व हिंदू परिषद के जरिए भाजपा की राजनीति में कदम रखा था। विहिप के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल के करीबी रहे केशव को आरएसएस के सह कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सर सह कार्यवाह कृष्णगोपाल सहित अन्य नेताओं का भी करीबी माना जाता है। संघ और भाजपा के शीर्ष नेताओं के प्रयास से ही पिछड़े वर्ग के बीच केशव की पार्टी के चेहरे के रूप में पहचान स्थापित की गई।

सूत्रों के मुताबिक पिछड़े वर्ग के वोट बैंक को ध्यान में रखकर ही केशव के मुद्दे पर निर्णय लिया जाएगा। दिल्ली में 13 व 14 मार्च को होने वाली बैठक में संघ और भाजपा के शीर्ष नेताओं के स्तर पर केशव को लेकर चर्चा की जाएगी।