इससे पहले कैंसर के उपचार में ‘रोबोटिक क्रायोसर्जरी’ का भी नाम सामने आया। इस सर्जरी के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध चाइना का जिनान यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन, फूडा कैंसर अस्पताल द्वारा दिल्ली में मरीजों के लिए मुफ्त परामर्श किया गया था। दर्दनाक कीमोथेरेपी के बिना क्रायोसर्जरी, नैनो नाइफ थेरेपी के माध्यम से कैंसर के मरीजों का उपचार करता है। ‘रोबोटिक क्रायोसर्जरी’ कैंसर जैसी भीषण बीमारी से छुटकारा पाने की एक नयी व बेहतर तकनीक है।
क्रायोसर्जरी एक ऐसी आधुनिक तकनीक है, जिसमें कैंसर का उपचार कीमोथेरपी, रेडियोथेरपी या बॉडी को खोलकर की जाने वाली सर्जरियों के बिना किया जाता है। दरअसल में यह एक रोबोटिक सर्जरी का उपाय है, जो अमेरिका की स्पेस कूलिंग तकनीक पर कार्य करती है। इसमें आईस बॉल पद्धति के माध्यम से कैंसर की कोशिकाओं को पूरी तरह समाप्त किया जाता है। इस पद्धति में कैंसर की कोशिकाओं को -160 डिग्री तापमान पर लेजाकर पूरी तरह समाप्त किया जाता है।
क्रायोसर्जरी की सबसे अच्छी बात है कि इसके द्वारा मरीज को किसी तरह का दर्द या पीड़ा का अहसास नहीं होता। साथ ही इस रोबोटिक सर्जरी के लिए बॉडी में चीर-फाड़ करने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती।