नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रिय प्रवक्ता संबित पात्रा के ओएनजीसी के डायरेक्टर नियुक्त होने पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. एक याचिका की सुनवाई करते समय सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा कि संबित पात्रा केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीएसयू ओएनजीसी के स्वतंत्र डायरेक्टर किस आधार पर बनाए गए हैं.
याचिका में कहा गया है कि पात्रा इस पद के लिए आवश्यक योग्यता नहीं रखते हैं और 27 लाख सालाना का वेतन किस आधार पर लेते हैं.
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले साल के बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा की ओएनजीसी में स्वतंत्र डायरेक्टर के रूप में नियुक्ति के खिलाफ दायर अर्जी को ठुकरा दिया था.
इससे पहले पिछली सुनवाई में न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने केंद्र को औपचारिक रूप से नोटिस जारी नहीं किया था और एनजीओ से याचिका की एक प्रति केंद्र सरकार को भेजने को कहा था.
पिछली सुनवाई के दौरान एनजीओ ‘एनर्जी वाचडाग’ की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने जब अदालत से केंद्र को औपचारिक रूप से नोटिस जारी करने का आग्रह किया था तो पीठ ने कहा था कि ‘आप भारत संघ (केंद्र सरकार) को प्रति भेजें. शुरुआती दलीलें सुनने के बाद हम औपचारिक नोटिस जारी कर सकते हैं.’ एनजीओ द्वारा याचिका की प्रति केंद्र सरकार को देने के बाद मंगलवार को कोर्ट ने यह नोटिस जारी किया.