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मोदी से खफा ममता ने भाजपा की महिला सांसद को कराया गिरफ्तार

नई दिल्ली। बशीरहाट में आपत्तिजनक पोस्ट डालने के बाद भड़की हिंसा शांत होने का नाम नहीं ले रही। हिंसा का असर ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी इलाकों तक दिख रहा है। पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने आरोप लगाए हैं कि दो समुदायों से जुड़े असामाजिक तत्व इस हिंसा को बढ़ा रहे हैं।

वर्तमान समय में बशीरहाट जाने से पुलिस ने पार्टी के नेताओं पर रोक लगा दी है। जिसके बावजूद रुपा गांगुली की अगुवाई में जा रहे बीजेपी के राज्य स्तरीय डेलिगेशन को पुलिस ने माइकल नगर में हिरासत में ले लिया। बता दें कि कांग्रेस डेलिगेशन को भी पुलिस ने बारासात जिले में रोक लिया है।

विधायक दिपेंदु को इलाके को छोड़ने का आदेश

एक अंग्रेजी समाचार पत्र के अनुसार, बशीरहाट में गुरुवार को हिंसा उस समय भड़की जब तृणमूल विधायक दिपेंदू बिसवास के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया। हालांकि दिपेंदू बिसवास ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। वहीं सूत्रों का कहना है कि भीड़ ने बिसवास के घर पर हमला किया है। जिसके बाद विधायक दिपेंदु को इलाके को छोड़ने का आदेश दिया है। दिपेंदु के हस्तक्षेप से पार्टी नाराज है।

गौरतलब है कि बार्सीलोना से लौटे पूर्व फुटबॉलर और विधायक दिपेंदु बिसवास पुलिस स्टेशन गए थे। जिसके बाद पुलिस ने धोपापारा, खापरा और गोदवोंपाड़ा में रेड मारी थी। पुलिस ने इस छापेमारी में एक ही समुदाय के 15 लोगों को गिरफ्तार किया था।

खबरों की मानें तो इन लोगों पर हिंसा भड़काने का काम किया था। जिसके कारण इन लोगों को हिरासत में लिया गया। जिसके बाद उनके समुदाय के लोग भड़क गए और पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने आगजनी और तोड़फोड़ शुरू कर दी।

क्या है मामला

दरअसल 3 जुलाई को बशीरहाट में तब हिंसा भड़की जब एक नाबालिक लड़के ने फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट की थी। जबकि पुलिस हिरासत में लड़के ने कहा कि उसने ऐसा कोई पोस्ट नहीं किया। बंगाल हिंसा में अब तक एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।