चंडीगढ़ हर साल अप्रैल से पहले इंजीनियरिंग विभाग की तरफ से साल भर बिजली की सप्लाई में होने वाले खर्च के आकलन के बाद दाम बढ़ाने या नहीं बढ़ने को लेकर विभाग पिटीशन तैयार करता है। उसके बाद जेईआरसी चंडीगढ़ में लोगों से राय लेता है और फिर अंत में अपना फैसला सुनाता है।
पानी के बाद चंडीगढ़ वासियों को अब बिजली के दाम बढ़ने पर झटका लगने जा रहा है। एक अगस्त से बिजली के दाम बढ़ाने जा रहे हैं। प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग की पिटीशन पर सुनवाई के बाद ज्वाइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने दो स्लैब में बिजली के दाम बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। अधिकतम 16 फीसदी तक बिजली महंगी हो जाएगी। घरेलू बिजली के बिलों पर लगने वाला फिक्स्ड चार्ज सीधे दोगुने हो जाएंगे।
शहर में बिजली की सप्लाई प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा की जाती है लेकिन बिजली के दाम घटेंगे या बढ़ेंगे यह जेईआरसी तय करता है।
इस बार इंजीनियरिंग विभाग ने 23.35 फीसदी घरेलू बिजली के दाम बढ़ने का प्रस्ताव दिया था लेकिन जनसुनवाई के दौरान लोगों ने दाम बढ़ोतरी का भारी विरोध किया था। भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेता आपस में भिड़ गए थे। काफी बहस बाजी हुई थी। पुलिस तक बुलानी पड़ी थी। जेईआरसी ने बीच में ही सुनवाई रोक दी थी। माना जा रहा था कि बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे लेकिन जेईआरसी ने लोगों को झटका देते हुए 23.35 फीसदी न बढ़ाकर 16 फीसदी बिजली के दाम बढ़ाने की मंजूरी दे दी।