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जमीनी विवाद में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कुशवाहा समाज ने एसपी को सौंपा ज्ञापन

ललितपुर। तालबेहट क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम तेरई फाटक में जमीनी विवाद के चलते दो पक्षों में भीषण संघर्ष हुआ था। जिसके चलते दबंग प्रवृत्ति की एक पक्ष ने विपक्षियों को दबोच कर उनके साथ सरेआम गाली-गलौज कर मारपीट की थी। इस मारपीट में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे जिन्हें इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। पीड़ित पक्ष द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर सभी आरोपियों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था, लेकिन मामला दर्ज होने के बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी ना होने से वह लगातार पीड़ित पक्ष को धमकियां दे रहे हैं और मामले में राजीनामा करने का दबाव बना रहे हैं। जिससे आक्रोशित होकर पीड़ित पक्ष ने एक बार फिर कुशवाहा समाज के साथ एसपी कार्यालय पहुंचकर शिकायती पत्र देकर मामले में समुचित कार्यवाही करने के साथ-साथ अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग उठाई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुशवाहा समाज तालबेहट के अध्यक्ष दशरथ कुशवाहा, कोषाध्यक्ष हरभजन कुशवाहा सहित अन्य सामाजिक लोगों के साथ पुलिस अधीक्षक निखिल पाठक के कार्यालय पहुंचे और वहां पर प्रदर्शन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया तथा घटना के सम्बंध में एक ज्ञापन भी दिया। दिए गए ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि 25 फरवरी को हरप्रसाद पुत्र किस्सू कुशवाहा और श्रीमती राजवती पत्नी स्व. विशाल लोधी के परिवारों के बीच जमानी जमीनी विवाद उत्पन्न हो गया था। जिसके चलते राजवती ने अपने अन्य साथियों स्वामी, गजराज लोधी पुत्र रज्जू लोधी तथा बृजेंद्र, गोलू पुत्रगण गजराज लोधी, छोटू जितेंद्र पुत्रगण स्वामी सहित करीब एक दर्जन से अधिक लोगों ने हरप्रसाद और उनके परिजनों पर लाठी डंडा कुलहाड़ियों से हमला बोल दिया था। जिसमें पीड़ित पक्ष के साथ जमकर गाली-गलौज कर मारपीट की गई थी जिसमें कई लोग घायल हुए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसके बाद दी गई तहरीर के आधार पर सभी अभियुक्तों के खिलाफ मामला तो पंजीकृत कर लिया गया था लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी, ऐसी स्थिति में वह खुलेआम घूम रहे हैं और लगातार पीड़ित पक्ष को धमकियां देकर राजीनामा का दबाब रहे हैं। इस ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने सभी नामजद अभियुक्तों की जल्द गिरफ्तारी की मांग उठाई है। दिए गए ज्ञापन पर राहुल कुशवाहा, रामप्रसाद, बाबूलाल,नंदराम, हरि सिंह, हरप्रसाद, दशरथ, अर्जुन, कृपाल सहित एक दर्जन से अधिक लोगों के हस्ताक्षर बने हुए हैं।