नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आज एक फिर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी पर खूब हमला बोला। नोटबंदी के फैसले से लेकर चुनावी वादों तक, मायावती ने हर मुद्दे पर बीजेपी को आड़े हाथों लिया। मायावती ने कहा कि ये प्रेस कॉन्फ्रेंस यूपी में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर और खासकर बीजेपी द्वारा अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए आए दिन किए जा रहे षड्यंत्रों से प्रदेश की जनता को, खासतौर पर मुस्लिम समाज के लोगों को सचेत करने के लिए रखी गई है।
मायावती ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र में बीजेपी और मोदी की सरकार को बने हुए ढाई साल पूरे हो चुके हैं। इस पूरी अवधि में लोकसभा के चुनावी वादों का एक चौथाई काम भी बीजेपी ने पूरा नहीं किया है। यूपी में बीजेपी के प्रति लोगों में आक्रोश है। मायावती ने कहा कि बीजेपी को इस बात का आभास है कि विधानसभा चुनाव में उसे हार मिलेगी। बीजेपी ने प्रदेश में अपनी हवा बनाने के लिए सबसे पहले विरोधी पार्टियों के बिकाऊ और स्वार्थी किस्म के लोगों को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल करवाया, मीडिया में प्रचारित करवाया, घिनौने हथकंडे अपनाए, परिवर्तन रैली से अपनी पूरी ताकत लगाई। अपने चोर दरवाजे से बड़े-बड़े पूंजीपतियों का करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाया।
मेरा नूर नहीं उतरा
मायावती ने ‘नोटबंदी’ पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ‘नूर उतर जाने’ वाली टिप्पणी पर पलटवार करते हुए आज कहा कि नूर मेरा नहीं, बल्कि शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे का उतर चुका है, क्योंकि नोटबंदी से देश की जनता को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मायावती ने इस बारे में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि मुझे तो ऐसा लग रहा है कि मेरा नूर नहीं उतरा है बल्कि शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का, भाजपा के अन्य राष्ट्रीय नेताओं, केन्द्रीय मंत्रियों और कार्यकर्ताओं का बड़े पैमाने पर नूर उतर चुका है। उन्होंने कहा कि इस अपरिपक्व एवं जल्दबाजी में लिये गये फैसले से देश की जनता इधर-उधर भाग रही है और उसे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
मायावती ने कहा कि मोदी और शाह जहां कहीं भी जाते हैं, क्या आपने वहां उनके चेहरे नहीं देखे, ना तो मेरे और ना ही बसपा कार्यकर्ताओं के चेहरों का नूर उतरा है क्योंकि हमें पता है कि उत्तर प्रदेश में बसपा सत्ता में आ रही है।
दरअसल, शाह ने एक रैली के दौरान कहा था कि नोटबंदी से सबसे ज्यादा दर्द उन्हें हो रहा है, जिनके अरबों खरबों रूपये रद्दी में बदल गये। ममता बनर्जी और मायावती के चेहरों का नूर गायब हो गया है और एक ही दिन में उनकी उम्र दस साल बढ़ गई लगती है।
मुलायम को बीजेपी दिखा रही डर- मायावती
मायावती ने कांग्रेस और सपा के संभावित गठबंधन पर कहा कि हमारी पार्टी को रोकने और प्रदेश में मुस्लिम वोटों को बांटने के लिए भारतीय जनता पार्टी सपा मुखिया मुलायम सिंह को इनकम टैक्स-ईडी का डर दिखा रही है ताकि सपा और कांग्रेस गठबंधन कर चुनाव लड़ें। गठबंधन की अंतिम मुहर बीजेपी के कहने पर तभी लगेगी जब बीजेपी को लगेगा कि गठबंधन से बीजेपी को फायदा मिलेगा।
मुस्लिम वोटरों से अपील करते हुए मायावती ने कहा अब मुस्लिम तबके को सोच समझ कर वोट देना होगा। बीएसपी ने मुस्लिम वर्ग का ध्यान सपा से ज्यादा रखा है। सपा की सरकार के दौरान यूपी में सांप्रदायिक दंगों और तनाव की आग में प्रदेश के लोग झुलसे हैं। मुलायम की सरकार में बीजेपी के सहयोग से कार सेवकों पर गोली चलवाई गईं। 1990 के दौरान हिंदू मुस्लिम दंगा हुआ, जिसका दाग मुलायम के दामन पर है। सांप्रदायिक दंगों के मामले में वर्तमान मुख्यमंत्री ने अपने बाप का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
मायावती ने कहा कि सपा की सरकार गुंडों और अपराधियों की सरकार है। इस सरकार में विशेष क्षेत्र और विशेष जाति का ख्याल रखा जाता है। सपा अपनी आपस की लड़ाई पर पर्दा डालने के लिए अपनी हार का ठीकड़ा कांग्रेस पर फोड़ने के लिए गठबंधन कर रही है। प्रदेश के खासकर मुस्लिम समाज के लोगों को कहना चाहूंगी कि सपा और कांग्रेस का गठबंधन बनने के बाद भी इनको कुछ मिलने वाला नहीं है। सपा का अपना बेस यादव वोट दो खेमों में बंट जाएगा। इसका फायदा बीजेपी को ही मिलने वाला है।