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2019 में जीत के लिए लाल किले पर महायज्ञ करेगी BJP, मोदी की मंजूरी का इंतजार

नई दिल्ली। बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसके लिए पार्टी ने अपनी जड़ों की ओर लौटने का फैसला किया है. बीजेपी अब इन चुनावों के लिए केवल लोगों के बीच ही नहीं जाएगी, बल्कि दैवीय मदद का भी आह्वान करेगी.

2019 के आम चुनावों के लिए प्रचार की शुुरुआत बीजेपी यज्ञ से करना चाहती है. पार्टी के शीर्ष नेताओं ने तय किया है कि इस दौरान हफ्ते भर लंबा महायज्ञ किया जाए. इस यज्ञ का नाम ‘राष्ट्र रक्षा यज्ञ’ होगा. यानी बीजेपी 2019 के लिए ‘राष्ट्रवाद’ को ही प्रमुख मुद्दा बनाने जा रही है.

इस यज्ञ के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की मंजूरी मिलने का इंतजार है. इसके बाद यज्ञ की अंतिम तैयारियां शुरू हो जाएंगी. सूत्रों का कहना है कि यज्ञ पूरे हफ्ते चल सकता है.

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि यज्ञ 8 मार्च से शुरू हो सकता है और यह 15 मार्च तक चलेगा. कहा जा रहा है कि पीएम मोदी इस यज्ञ में पहली आहुति देंगे. गौरतलब है कि यही वह समय है जब लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू होगा. बीजेपी चाहती है कि यज्ञ से बने माहौल का चुनावी फायदा उठाया जाए.

पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी यज्ञ में सातों दिन मौजूद रहेंगे. अमित शाह पार्टी की चुनाव रणनीति बनाने का अहम हिस्सा माने जाते हैं और जिन राज्यों में चुनाव होते हैं, वहां कई दिनों तक कैंप भी करते हैं. उनके अलावा, यज्ञ में केंद्रीय मंत्री, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, सांसद और राज्य मंत्री भी मौजूद रहेंगे.

कुछ सूत्रों का कहना है कि बीजेपी इस यज्ञ में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी बुलाने की योजना बना रही है. इस यज्ञ का आयोजन स्थल दिल्ली के लाल किले के प्रांगण को बनाने पर विचार हो रहा है. बताया जा रहा है कि इस स्थल का चुनाव काफी विमर्श के बाद किया गया है.

इस साल नरेंद्र मोदी लाल किले से पांचवीं बार अपना भाषण देंगे. लाल किले के प्रांगण में होने वाले इस यज्ञ में 108 हवन कुंड बनाए जाएंगे. इन यज्ञों को पार्टी के ही कार्यकर्ता डिजाइनर तैयार करेंगे, लेकिन इसमें हॉलीवुड या बॉलीवुड के भी किसी नामी डिजाइनर की मदद भी ली जा सकती है.

सूत्र बताते हैं कि यज्ञ में देवी ‘बगलामुखी’ का आह्वान किया जाएगा. माना जाता है कि यह देवी अपने भक्तों को वाक्युद्ध में विजयी होने का आशीर्वाद देती है.

इस यज्ञ में रोज 50 हजार लोग शामिल होंगे. रोज शाम को कई राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. यहां कम से कम 15-20 हजार लोगों के बैठने का इंतजाम होगा.