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हिंदी दिवसः ‘भाषा अभिव्यक्ति का साधन होती है, जैसे जीवन में चेतना होती है, वैसे ही भाषा में भी चेतना होती है: पीएम मोदी

नई दिल्ली

हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन हिंदी को भारत के संविधान ने राजभाषा के रूप में मान्यता दी है। हिंदी राजभाषा होने के चलते अधिकतर सरकारी कामकाज हिंदी में ही होता है।

हर साल मनाया जाता है हिंदी दिवस
बता दें, हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन हिंदी को भारत के संविधान ने राजभाषा के रूप में मान्यता दी है। हिंदी राजभाषा होने के चलते अधिकतर सरकारी कामकाज हिंदी में ही होता है।

क्या बोले पीएम मोदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक प्यारी सी वीडियो साझा कर हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा, ‘सभी देशवासियों को हिंदी दिवस की अनेकानेक शुभकामनाएं।’

वीडियो में पीएम मोदी कहते सुनाई दिए, ‘भाषा अभिव्यक्ति का साधन होती है। जैसे जीवन में चेतना होती है, वैसे ही भाषा में भी चेतना होती है। मैं कभी सोचता हूं कि अगर मुझे हिंदी भाषा बोलना नहीं आता, समझना नहीं आता तो मैं लोगों तक कैसे पहुंचता। मुझे व्यक्तिगत रूप से भी हिंदी भाषा की ताकत का अंदाजा है।’

‘हिंदी ने कई उतार-चढ़ाव देखे’
अमित शाह ने कहा, ‘इस वर्ष का ‘हिंदी दिवस’ हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। यह अपना 75वां वर्ष पूरा कर रहा है और हम इस वर्ष राजभाषा की हीरक जयंती मनाने जा रहे हैं। राजभाषा के लिए और हमारे सभी राज्यों की भाषाओं के लिए हिंदी बहुत महत्वपूर्ण रही है। हिंदी ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। मगर, आज मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि हिंदी और किसी भी स्थानीय भाषा के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है।’

उन्होंने कहा, ‘हिंदी सभी स्थानीय भाषाओं की मित्र है। चाहे वह गुजराती, मराठी या तेलुगु हो, हर भाषा हिंदी को ताकत देती है और हिंदी हर भाषा को ताकत देती है। आप हिंदी के आंदोलन को ध्यान से देखेंगे तो राजगोपालाचारी हों, महात्मा गांधी हों, नेताजी सुभाष चंद्र बोस हों, लाला लाजपत राय हों, सरदार वल्लभ भाई पटेल हों ये सभी गैर हिंदी भाषी क्षेत्रों से आते थे।’