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स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती पर बोले मोदी-ब्रिटिश सरकार ने हमारी सामाजिक बुराइयों को मोहरे की तरह इस्तेमाल करके हमें अपमानित करने की कोशिश की

नई दिल्ली प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती मना रहा है। इस मौके पर वह स्वामी दयानंद सरस्वती के जन्मस्थान टंकारा में उपस्थित होना चाहते थे, लेकिन यह संभव नहीं हो सका।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रिटिश सरकार ने हमारी सामाजिक बुराइयों को मोहरे की तरह इस्तेमाल करके हमें अपमानित करने की कोशिश की। ब्रिटिश शासन को तब कुछ लोगों ने सामाजिक परिवर्तनों का हवाला देकर उचित ठहराया था। ऐसे दौर में स्वामी दयानंद सरस्वती जी के आगमन ने इन सभी साजिशों को गहरा प्रहार दिया।

हमारी रुढ़ियों और अंधविश्वासों ने देश को जकड़ा
पीएम मोदी ने स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के अवसर पर कहा, ‘एक वो दौर था, जब भारत के लोग गुलामी के कारण अपनी चेतना खो रहे थे, तब स्वामी दयानंद ने देश को बताया कि कैसे हमारी रुढ़ियों और अंधविश्वासों ने देश को जकड़ा है। इन सामाजिक बुराइयों ने हमारी एकता पर प्रहार किया था। ब्रिटिश सरकार ने हमारी सामाजिक बुराइयों को मोहरे की तरह इस्तेमाल करके हमें अपमानित करने की कोशिश की। ब्रिटिश शासन को तब कुछ लोगों ने सामाजिक परिवर्तनों का हवाला देकर उचित ठहराया था। ऐसे दौर में स्वामी दयानंद सरस्वती जी के आगमन ने इन सभी साजिशों को गहरा प्रहार दिया।’

आज स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती मना रहा देश
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज देश स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती मना रहा है। आज मैं स्वामी दयानंद सरस्वती के जन्मस्थान टंकारा में उपस्थित होना चाहता था, लेकिन यह संभव नहीं हो सका। हालांकि, मैं दिल से वहां आप सभी के साथ हूं।’

मेरे लिए सम्मान…
उन्होंने आगे कहा, ‘यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मैं स्वामी दयानंद सरस्वती के जन्म स्थान गुजरात में पैदा हुआ।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपने समय के दौरान महिलाओं की भूमिका और महत्व के बारे में बात की। नई नीतियों के माध्यम से इस देश की महिलाएं प्रगति कर रही हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम लोकसभा और विधानसभा में पारित किया गया और महिलाओं के आरक्षण को सुनिश्चित किया गया।’