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सोनिया गांधी ने लिखा रायबरेली की जनता को भावुक पत्र, बोली- भले ही आगे सीधे तौर पर उनका प्रतिनिधित्व न करें, लेकिन उनका मन.प्राण सदा वहां की जनता के साथ रहेगा

नई दिल्ली सोनिया गांधी 1999 से लोकसभा की सदस्य हैं। वह 2004 से लगातार लोकसभा में रायबरेली का प्रतिनिधित्व करती रही हैं।

कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली के लिए पत्र लिखा है। इसमें जनता को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा कि वह स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। सोनिया ने अपने राजनीतिक जीवन को लेकर रायबरेली की जनता का आभार जताया। उन्होंने कहा कि वह भले ही आगे सीधे तौर पर उनका प्रतिनिधित्व न करें, लेकिन उनका मन-प्राण सदा वहां की जनता के साथ रहेगा।

सोनिया गांधी ने पत्र में कहा, ” अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी। इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी तौर पर सेवा करने का मौका नहीं मिलेगा, पर यह तो तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके साथ रहेंगे।”

पढ़ें सोनिया गांधी ने चिट्ठी में क्या लिखा
सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा, “मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर आप लोगों में मिलकर पूरा होता है। यह नेह – नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला है। रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तें की जड़ें बहुत गहरी हैं। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने मेरे ससुर फीरोज गांधी को यहां से जिताकर दिल्ली भेजा। उनके बाद मेरी सास इंदिरा गांधी को आपने अपना बना लिया। तब से अब तक यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और इस पर हमारी आस्था मजबूत होती चली गई।”

उन्होंने कहा, “इसी रोशन रास्ते पर आपने मुझे भी चलने की जगह दी। सास और जीवनसाथी को हमेशा के लिए खोकर मैं आपके पास आई और आपने अपना आंचल मेरे लिए फैला दिया। पिछले दो चुनाव में विषम परिस्थतियों में भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे, मैं यह कभी भूल नहीं सकती। यह कहते हुए मुझे गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूं, आपकी बदौलत हूं और मैंने इस भरोसे को निभाने की हरदम कोशिश की है।”

सोनिया ने चिट्ठी में आगे लिखा, “अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगी। इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा। मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आये हैं। उन्होंने जल्द मिलने का भी वादा किया।”