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सिखों को भारत के खिलाफ तैयार कर रहा है पाकिस्तान, ISI के कैंप में ट्रेनिंग!

नई दिल्ली। भारतीय गृह मंत्रालय ने एक संसदीय कमेटी को आगाह किया है कि पाकिस्तान में सिख युवाओं को आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही है. इन युवाओं को आईएसआई के ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

इन युवाओं को भारत में आतंकी गतिविधियां फैलाने के लिए प्रशिक्षण देने का काम चल रहा है. इसके अलावा कनाडा और दूसरे देशों में बसे सिखों को भी भारत के खिलाफ भड़काया जा रहा है. गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि सोशल मीडिया और इंटरनेट के दुरुपयोग से सिख युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काया जा रहा है. इनका कहना है कि यह मामला भारत के लिए बड़ी चुनौती बन गया है.

आईएसआई डाल रहा दबाव

कमेटी की रिपोर्ट सोमवार को पेश की गई. इसके मुताबिक पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठनों पर आईएसआई दबाव डाल रहा है कि पंजाब समेत भारत के दूसरे इलाकों में भी आतंकी हमलों को अंजाम दिया जाए. केंद्रीय गृह सचिव समेत मंत्रालय के तमाम अधिकारियों ने बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता में ‘कमेटी ऑन एस्टिमेट्स’ के सामने यह जानकारी दी है. अधिकारियों ने कहा है कि सोशल मीडिया और इंटरनेट के दुरुपयोग से सिख युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काया जा रहा है. इनका कहना है कि यह मामला भारत के लिए बड़ी चुनौती बन गया है.

अपराधियों को किया जा रहा तैयार

रिपोर्ट में कहा गया है कि जेल में बंद युवाओं, बेरोजगारों, अपराधियों और स्मगलरों और पाकिस्तान स्थित सिख आतंकी संगठनों के सदस्यों को हमलों के लिए तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा यूरोप, अमेरिका और कनाडा के युवाओं को भी भारत के खिलाफ भड़काया जा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय और राज्य स्तर की एजेंसियां इन गतिविधियों पर निगरानी रखे हुए हैं.

चालाकी से काम कर रहे आतंकी

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इन हरकतों से भारत की आतंरिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हुआ है. आतंकी सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ से बचने के लिए सुरक्षित सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म और प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल कर रहे हैं. मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि वे पाकिस्तान के आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, सिमी और अल-उनमाह जैसे संगठनों पर नजर रखे हुए हैं.

जैश-ए-मोहम्मद पर फिर से काम

इसके अलावा यह भी संकेत मिले हैं कि पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद को फिर से खड़ा किया जा रहा है. भारतीय उपमहाद्वीप में आईएस और अल-कायदा के अलावा भी दूसरे संगठनों से भी खतरा पैदा हो रहा है. मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि कट्टर वामपंथी संगठन भी देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने का काम कर रहे हैं.