लोहिया इंस्टीट्यूट और संयुक्त चिकित्सालय के विलय के बाद वहां एक हजार बेड पर इलाज की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा वहां कई ऐसी सुविधाएं हैं, जो इस संस्थान को तीन हजार से अधिक बेड की क्षमता वाले केजीएमयू से आगे करती हैं।
लोहिया इंस्टीट्यूट किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला प्रदेश में दूसरा संस्थान है। 2017-18 से अब तक 20 गुर्दा प्रत्यारोपण हो चुके हैं, जबकि केजीएमयू में महज एक गुर्दा प्रत्यारोपण हुआ है। इसके अलावा 200 बेड के मातृ एवं शिशु रेफरल चिकित्सालय में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, पीडियाट्रिक्स सर्जरी, पीडियाट्रिक्स, इंडोक्रायनोलॉजी, इंडोक्राइन सर्जरी आउटडोर व इंडोर की उच्चस्तरीय सुविधाएं भी हैं।
इसके अतिरिक्त अमर शहीद पथ पर मातृ एवं शिशु रेफरल चिकित्सालय के सामने 20 एकड़ के नए कैंपस में 500 बेड के 10 मंजिला सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल बन रहा है। इसमें पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी, स्पोर्ट्स मेडिसिन, लिवर ट्रांसप्लांट यूनिट, प्लास्टिक सर्जरी एंड बर्न, इम्यूनोलॉजी, मेडिकल जेनेटिक्स, क्रिटिकल केयर मेडिसिन, ब्रेस्ट सर्जरी एंड रिकंस्ट्रक्शन, स्ट्रोक यूनिट जैसे 18 सुपर स्पेशिएलिटी विभाग खुलेंगे। इसके अलावा नए कैंपस में टीचर्स, रेजीडेंट और नर्सिंग हॉस्टल का भी निर्माण होगा।