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मराठा युवाओं ने ही नहीं बल्कि मनोज जारांगे ने भी कहा है कि वे राज्य सरकार को गिराने के लिए लोकसभा उम्मीदवार उतारेंगे

मराठा आंदोलनकारियों के एक खेल ने जिला प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मराठा आरक्षण के अनुरूप आगामी लोकसभा चुनाव में मराठा समुदाय के और अधिक नामांकन दाखिल होने की संभावना है। आगामी लोकसभा चुनाव में मराठा समुदाय के युवाओं ने लोकसभा उम्मीदवारी का फॉर्म भरने की चेतावनी दी है। मराठा युवाओं ने ही नहीं बल्कि मनोज जारांगे ने भी कहा है कि वे राज्य सरकार को गिराने के लिए लोकसभा उम्मीदवार उतारेंगे। अब मराठा प्रदर्शनकारियों की भूमिका के बाद प्रशासन भी सकते में आ गया है। धाराशिव जिला कलेक्टर डॉ सचिन ओंबासे ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर लोकसभा चुनाव के संबंध में मार्गदर्शन मांगा है।

मराठा आरक्षण के अनुरूप आगामी लोकसभा चुनाव में मराठा समुदाय से और अधिक नामांकन दाखिल होने की संभावना है। ज्यादा नामांकन आने पर ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराना पड़ेगा, इसलिए इस स्थिति को देखते हुए क्या उपाय किए जाएं, इसके लिए कलेक्टर ने पत्र लिखा है। कई मराठा युवाओं ने लोकसभा चुनाव की उम्मीदवारी का फॉर्म भरने का संकेत दिया है। इस पृष्ठभूमि में कलेक्टर डॉ सचिन ओम्बासे ने चुनाव आयोग से मार्गदर्शन मांगा है। कलेक्टर ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस चोकलिंगम को पत्र लिखा है। इसमें बताया गया है कि चुनाव बैलेट पेपर से कराना होगा और मार्गदर्शन मांगा है।

यदि मराठा समुदाय उम्मीदवारों को नामांकित करता है, तो उन्हें मतपत्र और मतपेटियों का उपयोग करना होगा, अधिकारियों, वाहनों, अपर्याप्त जनशक्ति आदि जैसी समस्याएं होंगी। प्रत्याशियों की संख्या बढ़ेगी तो मतपत्र का आकार भी उतना ही बड़ा होगा, मोड़ने पर मतपेटी में ज्यादा जगह लगेगी और कलेक्टर ने इस मामले में दिशा-निर्देश मांगे हैं। हालांकि कलेक्टर ने पत्र लिखा है, लेकिन कलेक्टर माध्यम से जवाब देने को तैयार नहीं हैं। एक हजार मराठा युवाओं को अपनी उम्मीदवारी का आवेदन भरने की चेतावनी दी गई है। धाराशिव जिले में 736 गाँव और बार्शी और औसा तालुका में 150 से अधिक गाँव हैं। यदि 384 से अधिक उम्मीदवार खड़े होते हैं तो ईवीएम के बजाय मतपत्र/बैलेट पेपर पर चुनाव कराना पड़ता है। एक निर्वाचन क्षेत्र में अधिकतम 24 मशीनें उपलब्ध हो सकती हैं।