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ममता की दो टूक, 2019 में PM पद के लिए विपक्ष पहले से नहीं तय करे कोई चेहरा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए विपक्षी दलों का प्रधानमंत्री उम्मीदवार कौन होगा? इसपर रार जारी है. एक तरफ जहां राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम पर सहमत है. तो वहीं कांग्रेस राहुल नहीं तो कौन? के सवाल पर भी करीब-करीब विचार कर चुकी है. इस बीच विपक्षी दलों में बड़ी भागीदारी रखने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा है कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के तौर पर किसी का भी नाम नहीं चुना जाना चाहिए.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चुनौती देने के लिए ‘फेडरल फ्रंट’ का खाका तैयार करने में जुटी ममता ने कोलकाता में कल नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की. इसी दौरान उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनावों के लिए संभावित विपक्षी मोर्चा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर किसी का भी नाम नहीं चुना जाना चाहिए .

ममता ने कहा कि ऐसा करना बीजेपी से लड़ने की क्षेत्रीय पार्टियों की एकजुटता को विभाजित कर देगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी विरोधी क्षेत्रीय पार्टियों को साथ आना चाहिए और उन्हें देश के फायदे के लिए बलिदान देना चाहिए.

उमर बोले- ममता को ले जाएंगे दिल्ली
वहीं ममता से मुलाकात के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम इन्हें दिल्ली ले जाएंगे. उन्होंने कहा, ”हम ममता को राष्ट्रीय राजधानी में ले जाएंगे ताकि वे पूरे देश के लिए बंगाल में किए गए काम को दोहरा सकें.” यह पूछे जाने पर कि फेडरल फ्रंट की ओर से पीएम पद का दावेदार कौन होगा? अबदुल्ला ने कहा कि हमें अभी इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि लोकसभा चुनाव की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है.

ममता बनर्जी बीजेपी से मुकाबले के लिए फेडरल फ्रंट बनाना चाहती है. यानि कांग्रेस विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल हो न की विपक्षी दल कांग्रेस के नेतृत्व में चुनाव लड़ें. वहीं कांग्रेस की कोशिश है कि विपक्षी दलों को एकजुट कर 2019 लोकसभा चुनाव में उतरा जाए.

आपको बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा था कि बीजेपी को दोबारा सत्ता में आने से रोकने के लिए कोई भी नेता जिसके पीछे आरएसएस नहीं हो उसे प्रधानमंत्री बनाने में कांग्रेस को परहेज नहीं है. कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि पार्टी ममता बनर्जी या मायावती को प्रधानमंत्री बनाने का दांव चल सकती है. इस बीच ममता ने कहा है कि फेडरल फ्रंट में कोई प्रधानमंत्री का चेहरा नहीं हो.

वहीं कल ही बिहार में जनाधार रखने वाली राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने कहा था कि उसे प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल के नाम पर कोई आपत्ति नहीं है. एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि कांग्रेस विपक्षी दलों को एकजुट करे. उसे राहुल के नाम पर आपत्ति नहीं है.

इससे पहले जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी राहुल के नाम पर सहमति जताई थी. देवगौड़ा ने कहा था, ”कर्नाटक में हम कांग्रेस के साथ सरकार चला रहे हैं. ऐसे में हमें राहुल गांधी की उम्मीदवारी स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है.”

ध्यान रहे की 2019 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों की एकजुटता में देरी होने की एक बड़ी वजह प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी है. टीएमसी, समाजवादी पार्टी (एसपी), नेशनल कांफ्रेंस और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) समेत कई क्षेत्रीये दलों ने पीएम उम्मीदवारी पर पत्ते नहीं खोले हैं.