साल 2009 में साउथ अफ्रीका में हुए आईपीएल के दौरान पैसों के लेन-देन में आरबीआई की गाइडलाइंस के उल्लंघन के मामले में जांच एजेंसी ईडी ने फेमा कानून के तहत आरोपियों पर 121 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है.
जांच एजेंसी ने इस मामले में बीसीसीआई पर 82.66 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन पर 11.53 करोड़, आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी पर 10.65 करोड़, बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष रह चुके हैं एमपी पांडोव पर 9.72 करोड़ और अब स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर पर 7 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया गया है. अब स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में विलय हो चुका है.
फेमा ने अपने आदेश में कहा कि सजा के तौर पर दिए गए जुर्माने की राशि को आरोपियों को 45 दिन के भीतर सरकारी खजाने में जमा कराना होगा.
क्या है मामला
साल 2009 में लोकसभा चुनाव के चलते आईपीएल का आयोजन साउथ अफ्रीका में किया गया था. तब बीसीसीआई ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और आयकर विभाग की मंजूरी के बिना आईपीएल के आयोजन के लिए दक्षिण अफ्रीका में फॉरेन करंट अकाउंट खोला था. बीसीसीआई ने इस खाते में 243 करोड़ रुपए भी जमा कराए थे जो बाद में जांच का विषय बना. साल 2011 में ईडी ने ललित मोदी और बीसीसीआई को इसी लेन-देन के लिए फेमा कानून के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया था, और अब उनपर ये जुर्माना लगाया गया है.