पटना। भारत सहित पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही है। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री और राज्य में भाजपा के सहयोगी नीतीश कुमार ने खुद को इससे दूर रखा। इतना ही नहीं योग दिवस पर बिहार में सरकार बंटी दिखी। राजधानी पटना के पाटलिपुत्र स्टेडियम में आयोजित योग समारोह में जदयू के कोई मंत्री या नेता नहीं दिखे। इसके पहले भाजपा नेता लोगों से अपील करते रहे कि वे इस दिन एक साथ मिलकर योग करें। भाजपा नेता और बिहार सरकार में मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा है कि सभी को योग करने की जरूरत है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे जन-जन तक पहुंचाया है। इसमें सभी लोगों को साथ आने की जरूरत है।
जदयू द्वारा योग दिवस में हिस्सा ना लेने पर उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, ‘यहां जदयू के होने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। मैं यहां उपस्थित एक दर्जन लोगों को जानता हूं जो जदयू से हैं। क्या राजद और जदयू से संबंधित लोग योग नहीं करते हैं? यह जरूरी नहीं है कि हर कोई यहां आकर योग करे।’
पहली बार जदयू ने योग शिविर से खुद को किनारा नहीं किया है। जदयू ने पिछले साल भी इससे दूरी बनाए रखी थी। तीन साल से वो इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहा। लेकिन इस बार बिहार में एनडीए की सरकार है और भाजपा-जदयू एकसाथ सरकार में शामिल हैं। इसके बावजूद जदयू ने इस कार्यक्रम में भाजपा का साथ नहीं दिया है।
इस मामले पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है, ‘योग घर के अंदर भी किया जाता है और इसे किसी के भाग लेने से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘लोग अपने घरों में भी योगा करते हैं। योग भारत की संस्कृति का हिस्सा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील की सराहना की जानी चाहिए। हालांकि इसे कहीं भी किया जा सकता है।’
वहीं, केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने साथ-साथ हाजीपुर में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में एक साथ भाग लिया। दोनों एक ही साथ बैठकर योग किया। बता दें कि हाजीपुर रामविलास पासवान का संसदीय क्षेत्र है। मगर इस मौके पर भी नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के बड़े नेता नदारद दिखे।
वैसे यह पहली बार नहीं है कि दोनों पार्टियों के बीच अनबन नजर आई है। इससे पहले भी कई बार दोनों पार्टियों के बीच सबकुछ ठीक ना होने की अटकलें हैं। जिसके बाद कांग्रेस ने नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल होने और भाजपा का साथ छोड़ने की नसीहत दी थी। हालांकि सभी अटकलों को दरकिनार करते हुए नीतीश ने पटना में आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि गठबंधन से कुछ लोगों को परेशानी होने लगती है। हमारा काम लोगों की सेवा करना है, काम करना है और हम उसे करते जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी साफ कह दिया था कि अपराध, सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।