लगातार खराब फॉर्म से जूझ रहे 12 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता नोवाक जोकोविच एक बार फिर अपनी इस फॉर्म से पार नहीं पा पाए और एक गैरवरीयता प्राप्त खिलाड़ी ने उन्हें हराकर फ्रेंच ओपन से बाहर का रास्ता दिखा दिया. इटली के मार्को चेकिनातो पर इन दिनों सबकी निगाह है, जोकोविच को 6-3, 7-6, 1-6, 7-6 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया. इसी के साथ 1978 के बाद मार्को किसी ग्रैंड स्लैम के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले इटालियन खिलाड़ी भी बन गए हैं. इससे पहले उन्होंने 10वीं वरीयता प्राप्त पाब्लो केरेनो बुस्ता को हराकर प्री क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था और उसके बाद 8वीं वरीयता प्राप्त गोफिन को हराकर अंतिम 8 में जगह बनाई थी. दुनिया के 72वें नंबर के खिलाड़ी मार्को के करियर का यह दूसरा सबसे अच्छा हिस्सा समय है. ऐसा वे खुद भी मानते हैं. पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम के सेमीफाइनल तक पहुंचे मार्को का भी कहना है कि जोकोविच को हराना उनके करियर का सबसे बेहतरीन पल है. 25 वर्षीय मार्को के लिए यह जीत इसीलिए भी अहम है, क्योंकि कभी उन्हें मैच फिक्सर माना जाता था और 2016 में मैच फिक्सिंग के चलते उनपर प्रतिबंध भी लगा दिया था, जिसके बाद लगा था कि इस युवा खिलाड़ी अब शायद ही कोर्ट पर वापसी करे.
18 महीने का लगा था बैन
2010 में पेशेवर टेनिस में कदम रखने वाले मार्को 2015 में यूएस ओपन के पहले दौर, 2016 ऑस्ट्रेलियन ओपन के पहले दौर और 2017 विंबलडन के पहले दौर से ही बाहर हो गए. मार्को अपने करियर को धीरे धीरे आगे बढ़ा ही रहे थे कि 2016 में इनको बड़ा झटका लगा, जो करियर अभी सही से स्थापित भी नहीं हुआ था, वो जहां पहुंचा था, वहीं रूक गया. 2016 में इटालियन टेनिस फेडरेशन ने मार्को को मैच फिक्सिंग का दोषी पाया और 18 महीने के प्रतिबंध के साथ ही करीब 32 लाख रुपए (40 हजार यूरो) का जुर्माना भी लगाया गया. इटालियन खिलाड़ी पर 2015 में मोरक्को चैलेंजर इवेंट में एक मैच फिक्स करने का दोषी पाया गया. जांच के कहा गया कि मार्को और रिकार्डो अकार्डी के खिलाफ सबूत पाए थे कि इन्होंने एक मैच हारने के लिए शर्त लगाई थी.
प्रतिबंध को किया गया कम
इस बैन के खिलाफ मार्को ने अपील की और इसके बाद स्वतंत्र न्यायाधिकरण के अनुसार मार्को ने जानबूझ कर मैच फिक्स करने की योजना नहीं बनाई थी और इनके प्रतिबंध को कम करते हुए 12 माह का कर दिया. मार्को ने 2017 में प्रतिबंध के बाद एक बार फिर मैदान पर वापसी की. 2018 के शुरुआत में ही मार्को ने हंगेरियन ओपन जीतकर पहला एटीपी वर्ल्ड टूर का खिताब अपने किया और एटीपी खिताब जीतने वाले मार्को पहले इटालियन खिलाड़ी भी बने. उसके बाद फ्रेंच ओपन के इस सीजन में मार्को ने अपनी लय बरकरार रखी है. मार्को एक बार फिर कोर्ट पर लौट आए हैं और इस बार ज्यादा जोश और नई उम्मीद के साथ, इसीलिए वह अपने बीते हुए कल को पूरी तरह से भूल जाना चाहते हैं और उसके बारे में बात भी नहीं करना चाहते. जोकोविच के खिलाफ अहम मुकाबला से पहले भी मार्को ने पूछने इस पर बात करने से मना कर दिया था.