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पाक और चीन को घेरने में कामयाब रहा भारत

राजेश श्रीवास्तव

प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी के नेतृत्व में कंेद्र सरकार ने अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर घेरने में पूरी तरह से सफलता हासिल कर ली है। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर चाहे अधिकारी स्तर की वार्ता हो, या डीजीएमओ स्तर की या फिर मंत्री स्तर की। तीनों ही स्तर पर भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को खरी-खरी सुनायी है।

अभी कल ही ईनम गंभीर ने जिस तरह पाकिस्तान को दो टूक टेरेरिस्तान की संज्ञा दी थी, वह भी अभूतपूर्व और काबिले तारीफ है। दूसरे ही दिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बेहद तल्ख लहजे में जहां पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनायी। वहीं यह संदेश देने में भी कामयाब रहीं कि किस तरह पाकिस्तान आतंक का पर्याय बनकर न केवल भारत को बल्कि पूरी दुनिया को दहशतगर्दी व आतंकी घटनाओं का खामियाजा भुगतने को मजबूर कर रहा है।

सुषमा केवल इसी पर केंद्रित नहीं रहीं बल्कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास परक सोच का भी जिक्र किया। सुषामा ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री की सोच ने भारत से गरीबी मिटाने की दिशा में अभूतपूर्व काम किया है। उन्होंने यह कहकर अमेरिका का भी ध्यान खींचा कि जितनी अमेरिका की आबादी है लगभग उतने 3० लाख लोगों का प्रधानमंत्री ने तीन सालो में ही बैंकों में खाता खुलवा दिया है।

भारत के इस कड़े रुख का ही नतीजा है कि शनिवार को चीन ने भी डोकलाम मुद्दे पर शांति का रुख अपनाया और कहा कि हम कोशिश करेंगे कि दोबारा डोकलाम जैसी घटनाएं न हों। इतना ही नहीं चीन ने यह भी कहा कि अब हमारे रिश्ते भारत के साथ बेहतर हो रहे हैं। आतंकी मुद्दे पर जिस तरह पाकिस्तान को चहुंतरफा संकट झेलना पड़ रहा है। उससे यह तय माना जा रहा है कि कूटनीतिक लिहाज से भारत पूरी तरह अपने पड़ोसियों पर लगाम लगाने में सफल रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र मंच से सीधे संदेश दे दिया।

सुषमा ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा कि भारत गरीबी से लड़ रहा है, वहीं पाकिस्तान हमसे। इससे पहले अब्बासी ने अपने भाषण में भारत को धमकी देते हुए कहा था कि भारतीय सेना के ‘कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन’ से निपटने के लिए उनके देश ने छोटी दूरी के परमाणु हथियार विकसित कर लिए हैं। पाकिस्तान की तरफ से युद्ध की बात पर जवाब देते हुए सुषमा ने पूरे भाषण में शांति और दोस्ती की बात की। सुषमा ने कहा कि पाक पीएम ने हम पर कई आरोप लगाए। आतंक को पनाह देने वाले पाकिस्तान के पीएम हमें इंसानियत का पाठ पढ़ा रहे थे। बेगुनाहों का खून बहाने वाला पाकिस्तान हमें मानवाधिकार का पाठ पढ़ा रहा है।

कश्मीर जैसे मुद्दे पर भी सुषमा ने पाकिस्तान को घ्ोरते हुए कहा कि कश्मीर द्बिपक्षीय मुद्दा है। किसी भी तीसरे को इसमें दखल देने की जरूरत नहीं है। सुषमा ने कहा कि पीएम शाहिद खाकान अब्बासी को याद नहीं कि शिमला और लाहौर समझौते के अंतर्गत हम आपसी मसलों को आपस में सुलझाएंगे। पाक को आईना दिखाते हुए सुषमा ने पाकिस्तानी नेताओं से कहा कि वो इस बारे में आत्ममंथन करें कि भारत क्यों वैश्विक आईटी महाशक्ति के तौर पर जाना जाता है जबकि पाकिस्तान की पहचान आतंकवाद के निर्यात के कारखाने के तौर पर की जाती है।

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने आईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे बड़े संस्थान बनाए हैं। वहीं पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिद्दीन और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों को खड़ा किया है। लिहाजा यह साफ है कि अंतर्राष्ट्रीय दबाव अब पाकिस्तान पर पड़ना साफ है।