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पहले ही टेस्ट में जलवा दिखाया मयंक ने, शानदार चौके से पूरी की अपनी फिफ्टी

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज का बॉक्सिंग डे टेस्ट में टीम इंडिया के नए सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए शानदार हाफ सेंचुरी लगाई. मयंक ने ठीक उसी तरह की बल्लेबाजी की जिस तरह की बल्लेबाजी की उनके कप्तान विराट कोहली उनसे उम्मीद कर रहे थे. मयंक ने अपना विकेट भी बचाए रखा और टीम के लिए रन भी बनाए. यही नतीजा रहा कि जब पारी के 36वें ओवर में टीम इंडिया के 80 रन बने तो उसमें से 52 रन मयंक के थे.

मयंक टीम इंडिया के लिए डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में हाफ सेंचुरी लगाने वाले सातवें भारतीय बल्लेबाज हैं इनमें शीर्ष पर शिखर धवन 187 रनों के साथ हैं. मयंक  के अलावा पृथ्वी शॉ के साथ ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने मैच की पहली पारी में यह उपल्ब्दि हासिल की है. वहीं टीम इंडिया के लिए ऑस्ट्रेलिया में डेब्यू फिफ्टी लगाने वाले मयंक दूसरे बल्लेबाज हैं इससे पहले दत्तु फड़कर ने 1947 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में अपने डेब्यू टेस्ट में फिफ्टी लगाई थी.

चौका लगाकर शानदार अंदाज में पूरी की फिफ्टी
मयंक ने शानदार चौका लगा कर अपने करियर की पहली हाफ सेंचुरी पूरी की. मयंक ने 6 चौके लगाकर 95 गेंदों में अपनी फिफ्टी  पूरी की. मंयक ने इस पारी में शुरु से ही संवेदनशील बल्लेबाजी की और मौका मिलते ही बड़े शॉट्स लगाए.  लंच तक मयंक ने केवल 34 रन लगाए थे. इसके बाद दूसरे सत्र में तीन चौके लगाए. इनमें से आखिरी दो चौके एक ही ओवर में लगे जिससे मयंक का स्कोर 44 से 52 हो गया.

पहले टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया जिसके बाद टीम इंडिया के लिए हनुमा विहारी और मयंक अग्रवाल ने की. दोनों ने पहले 18 ओवर में ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को विकेट लेने नहीं दिए. हालाकि 19वें ओवर में टीम इंडिया ने हनुमा विहारी के रूप में विकेट जरूर खोया लेकिन लंच तक भारत का स्कोर केवल एक विकेट के नुकसान पर 57 रन हो गया था इसमें मयंक के 34 रन थे.

लंबे समय से टीम में जगह नहीं मिल रही थी
27 साल के मयंक लंबे समय से टीम इंडिया में जगह पाने का इंतजार कर रहे थे. पिछले दो साल से घरेलू सत्र में उनका शानदार प्रदर्शन रहा था, लेकिन उन्हें टीम इंडिया में मौका नहीं मिल सका था. इस सीरीज में भी पहले दो टेस्ट में खेली सलामी जोड़ी मुरली विजय व केएल राहुल के नाकाम रहने और पृथ्वी शॉ के चोटिल होने के बाद उन्हें मौका मिला.

मेलबर्न में घास होने के बाद भी ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों को पिच से मदद नहीं मिली. विहारी जहां रन बनाने के बजाए विकेट बचाने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते नजर आए तो मयंक की कोशिश अपना नेचुरल गेम खेलने में ही रही. मयंक ने धीमे खेले लेकिन उन्होंने रन लेने को कोई मौका नहीं छोड़ा. लंच तक भले ही टीम इंडिया ने विहारी का विकेट गंवा दिया,  विराट कोहली की नई सलामी बल्लेबाजों की जोड़़ी ने उम्मीद के मुताबिक ही खेल दिखाया. विहारी ने अपने करियर में पहली बार ओपनिंग की है. घरेलू क्रिकेट में भी वे तीसरे नंबर के बल्लेबाज रहे हैं.