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देश का यह बदलाव सिर्फ भावनाओं का नहीं, बल्कि आत्मविश्वास का है: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान भवन में ‘जर्नी टूवार्ड्स विकसित भारत: ए पोस्ट यूनियन बजट 2024-25 कॉन्फ्रेंस’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। संबोधन के शुरूआत में मोदी ने कहा कि महामारी के दौरान, हम चर्चाएँ करते थे और उन चर्चाओं का केंद्र बिंदु ‘विकास को वापस पाना’ होता था। मैंने तब कहा था कि भारत बहुत जल्द विकास की राह पर दौड़ेगा। आज भारत 8% की रफ़्तार से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज हम ‘विकसित भारत की ओर यात्रा’ पर चर्चा कर रहे हैं। ये बदलाव सिर्फ भावनाओं का नहीं, बल्कि आत्मविश्वास का है। आज भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही यह तीसरी हो जाएगी।

मोदी ने कहा कि पूंजीगत व्यय को संसाधन निवेश का सबसे बड़ा उत्पादक माध्यम कहा जाता है। 2004 में यूपीए सरकार के पहले बजट में पूंजीगत व्यय करीब 90,000 करोड़ रुपये था। यह बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हो गया. और आज, CapEx 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने कहा कि मैं जिस बिरादरी से आता हूं, उस बिरादरी की पहचान बन गई है कि चुनाव से पहले जो बाते करते हैं, वो चुनाव के बाद भुला देते हैं, लेकिन मैं उस बिरादरी में अपवाद हूं। इसलिए मैं आपको याद दिलाता हूं कि मैंने कहा था कि मेरे तीसरे टर्म में देश, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। भारत बहुत सधे हुए कदमों से लगातार आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में, जब पिछली सरकार का आखिरी बजट आया था, वो ₹16 लाख करोड़ का था। आज हमारी सरकार में बजट तीन गुना बढ़कर ₹48 लाख करोड़ पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि 2004 में UPA सरकार की शुरूआत हुई और UPA सरकार के पहले बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर करीब 90 हजार करोड़ रुपये था। 10 साल सरकार चलाने के बाद यानी 2014 में UPA सरकार कैपिटल एक्सपेंडिचर का बजट 2 लाख करोड़ रुपये पहुंचा पाई थी। आज कैपिटल एक्सपेंडिचर का बजट 11 लाख करोड़ रुपये ये भी ज्यादा है।

 

उन्होंने कहा कि 2014 में, 1 करोड़ रुपये कमाने वाली MSMEs को presumptive tax देना होता है और अब 3 करोड़ लाभ वाली MSMEs भी इसका लाभ उठा सकती हैं। 2014 में, 50 करोड़ कमाने वाली MSMEs को 30 प्रतिशत tax देना होता था, आज ये रेट 22 प्रतिशत है। मोदी ने कहा कि 2014 में, कंपनियां 30 प्रतिशत Corporate Tax देती थीं, आज 400 करोड़ रुपये तक की आय वाली कंपनियों के लिए ये रेट 25 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया; हम जीवनयापन सुगम बनाने, कौशल विकास, रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।