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………. तो क्या केजरीवाल के माफ़ी मांगने का दौर शुरु हो गया है

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सर्वेसर्वा अरविंद केजरीवाल आजकल माफी मांगने में जुटे हैं। तमाम बड़े लोगों पर जिन झूठे आरोपों को लगाकर वो रातोंरात नेता बन गए अब उन आरोपों का हिसाब देने का वक्त चल रहा है। अभी एक दिन पहले ही उन्होंने यूपी से बीजेपी के मौजूदा विधायक अवतार सिंह भडाना से लिखित माफी मांगी है। इसके पहले न्यूज़लूज़ पर हमने आपको बताया था कि कैसे वो वित्त मंत्री अरुण जेटली की मान-मनौव्वल में जुटे हैं। केजरीवाल जेटली से भी लिखित माफी मांगने को तैयार हैं और इस बारे में अपने संदेशवाहक को वो कई बार जेटली के पास भेज चुके हैं। दरअसल केजरीवाल करीब एक दर्जन मानहानि के मुकदमों में घिरे हुए हैं। ज्यादातर मामले 2015 तक के हैं, जब वो बिना सोचे-समझे या बिना किसी सबूत के हर किसी पर ऊलजलूल आरोप मढ़ दिया करते थे।

 केजरीवाल ने पहले सांसद रहे अवतार सिंह भड़ाना के बारे में 31 जनवरी 2014 को एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि भड़ाना देश के सबसे भ्रष्ट व्यक्तियों में से एक हैं। बीजेपी के मौजूदा विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने मानहानि का मुकदमा करते हुए एक करोड़ रुपये का दावा ठोंक दिया। मामला कोर्ट में जाने से पहले भड़ाना ने आखिरी मौका दिया कि अगर बिना शर्त माफी मांगते हुए बयान वापस ले लें तो वो दावा छोड़ देंगे। लेकिन सत्ता के दंभ में चूर केजरीवाल ने इनकार कर दिया। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में कार्रवाई शुरू हुई तो मुख्यमंत्री जी एक भी ऐसी बात नहीं बता सके, जिससे यह साबित होता हो कि अवतार सिंह भड़ाना ने कहीं पर कोई भ्रष्टाचार किया हो। आखिरकार उन्हें लगभग गिड़गिड़ाने की भाषा में माफी मांगने पर मजबूर होना पड़ा। हालांकि केजरीवाल ने इस माफीनामे में भी यह कहते हुए चालाकी दिखाई है कि मैंने अपने एक सहयोगी के बहकावे में आकर आरोप लगाए। यानी केजरीवाल ने अपनी गलती किसी सहयोगी के मत्थे फोड़ दी।
 अकेले वित्तमंत्री अरुण जेटली ने केजरीवाल पर मानहानि के तीन मुकदमे ठोंक रखे हैं। इनमें से एक मुकदमा कोर्ट की कार्रवाई में अपशब्द के इस्तेमाल पर भी है। केजरीवाल के पूर्व सहयोगी रहे कपिल मिश्रा ने कुछ दिन पहले ये खुलासा किया था कि इस मामले में केजरीवाल चोरी-छिपे माफी मांगने के चक्कर में हैं। एक बार वो दोनों हाथ जोड़कर याचक की तरह जेटली के आगे खड़े भी हो चुके हैं। हालांकि अब तक जेटली ने अपनी तरफ से नरमी के कोई संकेत नहीं दिए हैं। जेटली इस बात से नाराज हैं कि केजरीवाल और उनकी गैंग ने उन्हें एक ऐसे मामले में लपेटने की कोशिश की थी, जिसका उनसे कोई लेना-देना भी नहीं। यह भी पढ़ें: कपिल मिश्रा ने बताई केजरीवाल की चुप्पी की असली वजह

सवाल यही है कि एक राज्य के मुख्यमंत्री आखिर कितनी बार कोर्ट में कान पकड़ कर खड़े होंगे? उन पर अभी परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और कपिल सिब्बल के बेटे ने भी 1-1 मुकदमा कर रखा है। मानहानि के मामलों में केजरीवाल का खाता सबसे पहले 2013 में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने खोला था। तब उन्होंने शीला दीक्षित पर करप्शन के कुछ ऐसे आरोप लगाए थे, जिन्हें वो आज तक साबित नहीं कर पाए। इसके अलावा बीजेपी के कार्यकर्ता अंकित भारद्वाज ने 1 रुपये मानहानि का मुकदमा ठोंक रखा है, क्योंकि केजरीवाल ने कपिल मिश्रा पर हमले के मामले में अंकित भारद्वाज पर झूठा आरोप लगाया था। इन सारे मुकदमों पर बारी-बारी फैसले की घड़ी करीब आ रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अहमद पटेल से अपनी करीबी का फायदा उठाकर केजरीवाल कांग्रेस नेताओं के मुकदमे से तो सस्ते में छूट जाएंगे, लेकिन बीजेपी के नेता उन्हें आसानी से बख्शने के मूड में नहीं हैं।

अवतार सिंह भडाना ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर मामले की जानकारी दी है।