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डिप्टी सीएम के मुद्दे पर बोले डीके शिवकुमार, मुझे ताकत दिखाने की जरूरत नहीं है

नई दिल्ली। कांग्रेसी विधायक डीके शिवकुमार कर्नाटक की राजनीति के नए चाणक्य बनकर उभरे हैं. चुनाव से लेकर अब तक डीके शिवकुमार हमेशा कांग्रेस के संकटमोचक बनकर सामने आए हैं. बताया जा रहा है बीजेपी द्वारा बहुमत साबित करने की कवायद में इसी नेता ने सभी कांग्रेसियों को एकजुट किए रखा, जिसके कारण फ्लोर टेस्ट में बीजेपी के सत्ता के सारे फार्मूले फेल हो गए और येदियुरप्पा हाथ में आई सत्ता को गंवा बैठे.

अब जब कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने जा रही है, कयास लगाए जा रहे हैं कि डीके शिवकुमार को राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा. डीप्टी सीएम की दावेदारी पर शिवकुमार ने कहा कि उन्हें अपनी ताकत दिखाने की जरूरत नहीं है. वह अपने नंबर नहीं दिखाना चाहते. उन्होंने कहा, ‘मुझे राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर पूरा भरोसा है. हम सभी पार्टी हाईकमान के आदेशों का पालन करते हैं. वे ही फैसला करेंगे कि कौन क्या होगा.’

विरोधी दर जेडीएस से हाथ मिलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने जेडीएस से हाथ मिलाया है. उन्होंने बताया कि वह जेडीएस के खिलाफ 1985 से चुनाव लड़ते आ रहे हैं. इस दौरान कई बार हार-जीत हुई. कर्नाटक में सरकार बनाने का फैसला कांग्रेस आलाकमान है और हम सभी उनके फैसले का सम्मान करते हैं.

बता दें कि डीके शिवकुमार सिद्धारमैया सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं और 2013 में उन्होंने जेडीएस उम्मीदवार पीजीआर सिंधिया को 40 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. उस समय वह राज्य के सबसे रईस उम्मीदवारों में से एक थे. उन्होंने अपनी संपत्ति 251 करोड़ घोषित की थी. शिवकुमार कांग्रेस के बैनर तले 7 बार विधायक रह चुके हैं.

लगे भ्रष्टाचार के आरोप
पिछले साल अगस्त में आयकर विभाग ने बेंगलुरु स्थित शिवकुमार के आवास पर छापा मारा था. उनपर आयकर में हेराफेरी का आरोप था. उस समय देशभर में शिवकुमार के ठिकानों पर 300 से अधिक अधिकारियों ने एकसाथ छापेमारी की थी और यह कार्रवाई लगातार 80 घंटे तक चली. नई दिल्ली, बेंगलुरु, मैसूर, चेन्नई सहित शिवकुमार के 67 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. छापेमारी के दौरान दिल्ली स्थित आवास से 8 करोड़ और बेंगलुरु आवास से 2 करोड़ नकद बरामद किए गए.