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जाट आंदोलन की राह चला किसान आंदोलन, मंदसौर में किसानों ने बसें-कारें फूंकीं, दुकानें लूटीं

पिपलियामंडी (मंदसौर)। मध्य प्रदेश किसानों के विरोध की आग में जल रहा है। विरोध का केंद्र मंदसौर में किसानों का उग्र प्रदर्शन जारी है और यह इलाका युद्ध के मैदान में तब्दील हो चुका है। बुधवार को पिपलियामंडी में हजारों प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए हंगामा बरपाया। उग्र प्रदर्शनकारियों ने डीएम और पुलिसकर्मियों को पीटा, वाहनों और वेयरहाउस में आग लगा दी और शराब की दुकानों को लूट लिया। स्थानीय मीडिया ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि उग्र भीड़ ने देवास में 15 से ज्यादा लग्जरी बसों को आग के हवाले कर दिया। ये बसें जाम में फंसी हुई थीं। यात्री जान बचाने के लिए खेतों में छिप गए। प्रदर्शनकारियों के हमले में दर्जनभर पुलिसकर्मी घायल हुए और आर बी शर्मा नामक एक अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। गौरतलब है कि मंगलवार को मंदसौर में हुई पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी।

ग्राउंड जीरो पर हालात काफी खराब हैं। प्रदर्शन नहीं कर रहे आम लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार समेत कई पत्रकार उग्र भीड़ की पत्थरबाजी में घायल हुए हैं। मंदसौर का संपर्क राज्य के दूसरे हिस्सों से कट गया है। यहां अभी भी विरोध जारी है। राजनेताओं को मंदसौर आने से रोका जा रहा है। एमपी बीजेपी के चीफ नंदकुमार सिंह चौहान और कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन को मंदसौर नहीं जाने दिया गया। कांग्रेस की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन को सुअसरा गांव जाते वक्त हिरासत में ले लिया गया।
मंगलवार की फायरिंग और किसानों की मौत के बाद पुलिसकर्मी भी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ऐहतियात बरत रहे हैं। कई लोग पुलिस की नरमी को प्रदर्शनकारियों का मनोबल बढ़ाने वाला बता रहे हैं क्योंकि खुद प्रशासन ने ही प्रदर्शनकारियों को असामाजिक तत्व करार दिया था।

बरखेड़ा पंथ गांव में एक मृतक किसान की शव यात्रा के दौरान हमले शुरू हुए थे। मंदसौर के डीएम स्वतंत्र कुमार सिंह प्रदर्शन स्थल पर जाकर लोगों को समझाने बुझाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन, उनके साथ धक्कामुक्की की गई और थप्पड़ मारा गया। डीएम को जब वहां से ले जाया जा रहा था तभी उग्र भीड़ ने टोल कलेक्शन बूथ को आग के हवाले कर दिया और पुलिस पर पथराव किया गया। भीड़ ने कॉटन के एक वेयरहाउस में आग लगा दी और जब आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की दो गाड़ी वहां पहुंची तो उग्र भीड़ ने उसके शीशे तोड़ डाले और अग्निशमन कर्मचारियों को वहां से भागने पर मजबूर कर दिया।

उग्र प्रदर्शनकारियों ने मंदसौर में पांच किलोमीटर लंबा बाइपास रोड को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने बड़े वाहनों में जमकर लूटपाट की। घटना को कवर करने गए पत्रकारों को भी निशाना बनाया गया। ट्रक समेत करीब 22 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। आरएएफ की टुकड़ी ने दंगा कंट्रोल वाहन के साथ वहां मोर्चा संभाला लेकिन भीड़ का गुस्सा नहीं थमा। सुअसरा पुलिस स्टेशन के इंचार्ज हरिबाबू शर्मा को पीटा गया। कायमपुर में एक एटीएम को तोड़ पाने में असफल रहने पर भीड़ ने उसमें आग लगा दी।