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गोली लगती है तो कबूल है, लेकिन जेड सिक्योरिटी नहीं चाहिए : ओवैसी

नई दिल्ली । एआईएमआईएम के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के हापुड़ में अपने ऊपर हुए हमले को लेकर लोकसभा में बयान दिया। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि देश का एक वर्ग रैडिकलाइजेशन (चरमपंथ) की तरफ बढ़ रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने केंद्र की तरफ से प्रस्तावित की गई जेड सिक्योरिटी लेने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें गोली लगती है तो कबूल होगा, लेकिन सुरक्षा के बीच घुटन में जीना नहीं।
इस बीच सामने आया है कि उत्तर प्रदेश में ओवैसी की कार पर हुई फायरिंग की घटना को लेकर सात फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद में विस्तृत जवाब देंगे। इससे पहले ओवैसी ने खुद कहा था कि वे सुरक्षा नहीं लेंगे, लेकिन शाह को चिट्ठी लिखकर एक बुलेटप्रूफ गाड़ी की मांग जरूर करेंगे।
सरकार से क्या रही ओवैसी की अपील?
ओवैसी ने लोकसभा में कहा, “मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि इस तरह की घटना से आपको नुकसान होगा। मैं लोकसभा अध्यक्ष के जरिए सरकार को बताना चाहूंगा कि जिन लोगों ने ये रैडिकलाइजेशन किया है। उन पर आतंक-रोधी यूएपीए (UAPA) क्यों नहीं लगाते हैं। अगर किसी क्रिकेट मैच पर कोई पाकिस्तान की तारीफ करता है तो उस पर यूएपीए लगता है। लेकिन सांसद पर गोली चलाने वाले पर यूएपीए नहीं लगता।
एआईएमआईएम अध्यक्ष ने आगे कहा, “भारत की दौलत मोहब्बत है। हम वो भारत हैं जो मोहब्बत पर आबाद है। क्या आप दौलत के भारत की मिसाल देंगे या मोहब्बत के भारत की मिसाल देंगे। अगर मोहब्बत के भारत की मिसाल देंगे तो जुबान देता हूं कि मैं आपके साथ हूं।”
मरना होगा तो उसे बदल नहीं सकता, पर सुरक्षा नहीं चाहिए
ओवैसी ने कहा, “हरिद्वार में रायपुर में मेरे बारे में क्या कहा गया है, उस पर आईबी कि रिपोर्ट है, उसे क्यों छिपा रहे हैं। एक दिन मुझे मरना भी है। मैं कहना चाहूंगा कि जिस दिन मेरी मौत होगी उस दिन मुझे भारत की धरती में दफनाया जाए। मुझे गोली लगती है तो कबूल है। लेकिन मुझे सुरक्षा के बीच घुटन की जिंदगी नहीं जीनी है। मुझे लगता है कि अगर भारत के गरीबों को सुरक्षा मिलेगी, तो यह मेरी भी सुरक्षा है।”
‘पीएम की सुरक्षा में सेंध लगी थी, तो मैंने आवाज उठाई थी’
इस नफरत को खत्म करिए। मैं जेड कैटेगरी की सुरक्षा नहीं चाहता, मुझे ए कैटेगरी का शहरी बनाएं, ताकि हमारी जिंदगी बेहतर है। जब देश के प्रधानमंत्री की सिक्योरिटी में दिक्कत हुई तो मैंने आवाज उठाई, सेक्युलर पार्टी के नेताओं ने कहा कि तुमने आवाज क्यों उठाई। मैंने कहा ये देश के प्रधानमंत्री की जान का मसला है। लेकिन आज सांसद पर गोली चलती है। मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह नफरत को रोके।