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क्या भाजपा हिस्सा बनेंगे आचार्य कृष्णम! बोले. जैसा भगवान का आदेश होगा, वैसा निर्णय लिया जाएगा

संभल श्री कल्कि धाम के शिलान्यास से आचार्य प्रमोद कृष्णम की सियासी धारा बदल सकती है। आचार्य की लंबे समय से भाजपा में शामिल होने की अटकलें लग रहीं हैं। पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि जैसा कल्कि भगवान का आदेश होगा, वैसा निर्णय लिया जाएगा।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम का भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मिलना और शिलान्यास समारोह में न्योता देना सियासी हलचल बढ़ा रहा है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह के मौके पर आचार्य प्रमोद कृष्णम भाजपा के साथ नई सियासी पारी शुरू कर सकते हैं।

भाजपा में शामिल होने के सवाल पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि जैसा कल्कि भगवान का आदेश होगा, वैसा निर्णय लिया जाएगा। कुछ दिन पहले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली में श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया था।

उसके बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सीएम योगी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर उन्हें भी न्योता दिया। साथ ही उन्होंने इंडी गठबंधन पर निशाना साधा। इसके बाद से उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गईं।

अब प्रधानमंत्री का कार्यक्रम में आना तय हो चुका है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम प्रधानमंत्री के सामने ही भाजपाई हो सकते हैं। इस बारे में जब आचार्य प्रमोद कृष्णम से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि श्री कल्कि धाम का शिलान्यास समारोह निश्चित रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन है।

कोई भी यदि इस आयोजन को राजनीतिक चश्मे से देखने का प्रयास कर रहा है तो यह उसकी समझ है। कहा कि कांग्रेस को छोड़ने या दूसरी पार्टी में शामिल होने का सवाल है तो इस पर कुछ नहीं कर सकता।

2019 में राजनाथ सिंह के खिलाफ लड़े थे प्रमोद कृष्णम
आचार्य प्रमोद कृष्णम 2019 के लोकसभा चुनाव में लखनऊ सीट से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। हालांकि, इसमें उन्हें हार मिली थी और राजनाथ सिंह बड़े अंतर से चुनाव जीते थे।

प्रमोद कृष्णम को करीब दो लाख वोट मिले थे। कई मौकों पर आचार्य प्रमोद कृष्णम भाजपा की जमकर आलोचना कर चुके हैं, लेकिन बीते एक साल से वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसलों की प्रशंसा कर रहे हैं। इसके बाद से ही उनके भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

संकेत दिए पर खुलकर नहीं बोले

दो दिन पहले आचार्य प्रमोद कृष्णम श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह का न्योता देने राजनाथ सिंह के आवास पर पहुंचे थे। रक्षामंत्री से काफी देर तक मुलाकात के बाद जब वह बाहर निकले तो एक सवाल पर कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है। राजनीति में कुछ भी हो सकता है। इसके बाद उन्होंने कहा कि राहुल गांधी से एक वर्ष में मुलाकात संभव नहीं हो सकी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक सप्ताह में मुलाकात हो गई। इस बयान के बाद उनके कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा का साथ पकड़ने की संभावनाएं बढ़ गईं। हालांकि, भाजपा में शामिल होने के जवाब पर उन्होंने खुलकर कुछ नहीं कहा।

पीएम के आने से बदल सकते हैं संभल लोकसभा सीट के सियासी समीकरण

वहीं, किसी प्रधानमंत्री का संभल जिले में पहला दौरा होने जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी के श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में शामिल होने का असर लोकसभा चुनाव में भी दिखाई देगा। पीएम के आने से संभल लोकसभा सीट पर भाजपा के पक्ष में माहौल बन सकता है। अभी यहां सपा से डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क सांसद हैं और सपा ने 2024 के चुनाव के लिए डॉ. बर्क को प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है।

संभल लोकसभा सीट का परिसीमन वर्ष 2009 में हुआ था। बसपा के टिकट पर वर्ष 2009 में डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क संभल से सांसद बने थे। 2014 में भाजपा प्रत्याशी सत्यपाल सैनी ने डॉ. बर्क को हराकर जीत हासिल की थी। वर्ष 2019 में गठबंधन प्रत्याशी के रूप में डाॅ. शफीकुर्रहमान बर्क मैदान में उतरे और उन्हें जीत मिली। 2019 में सपा, बसपा और रालोद का गठबंधन था। डॉ. बर्क ने भाजपा प्रत्याशी परमेश्वर लाल सैनी को करीब पौने दो लाख वोटों से हराया था।

2024 लोकसभा चुनाव के लिए सपा ने डॉ. बर्क को ही प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इस बार सपा का बसपा के साथ गठंबधन नहीं है। बसपा ने अकेले ही चुनाव लड़ने का एलान किया है। सपा-कांग्रेस के साथ इंडी गठबंधन में शामिल है। भाजपा ने भी चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के संभल आने से भाजपा की दावेदारी मजबूत हो जाएगी।