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कृषि कानून को खारिज नहीं कर सकते, शरद पवार का बड़ा बयान, बीजेपी ने किया स्वागत

नई दिल्ली। मोदी सरकार की ओर से लाये गये कृषि कानून के विरोध में पिछले कई महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार के एक बयान ने बीजेपी को संजीवनी दे दी है, शरद पवार ने कहा कि कृषि कानूनों को पूरी तरह से खारिज करने के बजाय इसके उस हिस्सों में संशोधन किया जाना चाहिये, जिससे किसानों को दिक्कत है, केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार के रुख का स्वागत किया है, उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार उनकी बात से सहमत है, हम चाहते हैं कि मामला जल्द से जल्द सुलझाया जाए।

शरद पवार से सवाल पूछा गया कि क्या महाराष्ट्र सरकार कृषि कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी, तो इस पर उन्होने कहा कि पूरे बिल को खारिज कर देने के बजाय हम उस हिस्से में संशोधन कर सकते हैं, जिसे लेकर किसानों को आपत्ति है, उन्होने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों का एक समूह केन्द्र सरकार की ओर से लाये गये कृषि कानून के अलग-अलग पहलुओं का अध्ययन कर रहा है, उन्होने कहा कि बिल से संबंधित सभी पक्षों का विचार करने के बाद ही इसे विधानसभा में लाया जाएगा।
शरद पवार ने कहा कि अगर महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों का समूह किसानों की भलाई के लिये बिल में कुछ बदलाव की बात करता है, तो इस पर विचार किया जाएगा, ऐसे में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाने की जरुरत ही नहीं होगी।

कृषि मंत्री ने किया स्वागत
कृषि कानून को लेकर शरद पवार के बयान का केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने स्वागत किया है, उन्होने कहा कि पूर्व कृषि मंत्री का रुख स्वागत योग्य है, उन्होने अपने रुख से स्पष्ट कर दिया है कि कानूनों को बदलने की जरुरत नहीं है, जिन बिंदुओं पर आपत्ति है, उन्हें विचार-विमर्श के बाद बदला जाना चाहिये, मैं उनके रुख का स्वागत करता हूं, केन्द्र सरकार उनकी बात से सहमत है, हम चाहते हैं कि मामला जल्द से जल्द सुलझाया जाए। एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि किसान पिछले 6 महीने से आंदोलन कर रहे हैं, केन्द्र और किसानों के बीच अभी भी गतिरोध बना हुआ है, इसलिये वो अभी भी बैठे हुए हैं, केन्द्र को उनसे बातचीत करनी चाहिये।