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एलडीए गेट पर किसान ने की आत्महत्या की कोशिश, सुरक्षा गार्डों ने बचाया

लखनऊ। एलडीए और जिला प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही से सोमवार को एक किसान की जिंदगी खत्म होने से बची। एक महीने से चल रहे धरना-प्रदर्शन के बाद भी जब अधिकारियों ने नहीं सुनी तो बाद बढ़ा मुआवजा दिए जाने की मांग पर अड़े एक किसान ने एलडीए के गेट से ही अपने गमछा को बांधकर गले में फंदा लगा लिया।

एलडीए के सुरक्षा गार्डों ने आनन-फानन फंदा निकालकर उसे आत्महत्या करने से रोका।आत्महत्या की कोशिश करने वाले कानपुर रोड योजना के किला मोहम्मदी गांव निवासी किसान रामू (55) ने एलडीए अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उनकी शिकायत दूर करने की जगह सभी अपने कार्यालयों में बैठे हैं।

किसान नेता रामरथ वर्मा का कहना है कि 12 जून से धरना प्रदर्शन चल रहा है। लेकिन वीसी और डीएम ने उनकी बात नहीं सुनी। धरना प्रदर्शन शुरू होने के अगले ही दिन 13 जून को सचिव एमपी सिंह ने बिना अनुमति के किसानों के एलडीए गेट के बाहर जुटने और किसी अनहोनी की आशंका जताते हुए जिला प्रशासन को कार्रवाई के लिए कहा था।

इसके बाद भी प्रशासन से किसानों को नहीं हटाया। एलडीए के नजूल अधिकारी विश्वभूषण मिश्र का कहना है कि धरना प्रदर्शन शुरू होने के बाद करीब तीन बार में खुद उनके पास जा चुका हूं।  किसानों को उनके नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए बुलाया गया। इसके बाद भी कोई बातचीत करने नहीं आया।