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उपचुनाव का प्रचार थमा, गोरखपुर-फूलपुर में दांव पर बीजेपी की प्रतिष्ठा

लखनऊ। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के बेहद प्रतिष्ठापूर्ण उपचुनाव के लिए मैदान में उतरे राजनीतिक दलों के जोरदार प्रचार अभियान का शोर शुक्रवार शाम 5 बजे थम गया.

प्रमुख दावेदार पार्टियों के क्षत्रपों की अगुवाई में चलाए गए प्रचार अभियान में मतदाताओं को लुभाने के लिए स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय मुद्दे तक उठाये गए. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन शुक्रवार को सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी.

गोरखपुर में कुल 10 और फूलपुर में 22 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इन दोनों सीटों पर आगामी 11 मार्च को मतदान होगा, जबकि परिणामों की घोषणा 14 मार्च को की जाएगी.

गोरखपुर लोकसभा सीट वहां से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद रिक्त हुई है. वहीं फूलपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की वजह से खाली हुई है.

इन दोनों ही सीटों पर बीजेपी, सपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला होने की संभावना है. बसपा ने उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं खड़े किए हैं. बीजेपी ने गोरखपुर से उपेंद्र दत्त शुक्ला को और फूलपुर सीट से कौशलेन्द्र सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया है. सपा ने गोरखपुर से प्रवीण निषाद और फूलपुर से नागेन्द्र सिंह पटेल को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने गोरखपुर से सुरहिता करीम तथा फूलपुर से मनीष मिश्र को टिकट दिया है.

प्रतिष्ठा का सवाल

गोरखपुर सीट बीजेपी के लिए खासकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. योगी यहां से पांच बार सांसद चुने जा चुके हैं. इससे पहले उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ तीन बार संसद में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

ऐतिहासिक सीट

दूसरी ओर, कभी देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को संसद में भेजने वाली फूलपुर की जनता ने 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्य को संसद पहुंचाया था.

इन उपचुनाव के प्रचार कार्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने ताबड़तोड़ रैलियां कर मतदाताओं को अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने की अपील की.