लखनऊ। नवंबर 2014 से बन रहे सीएम सचिवालय में करीब 1500 मजदूर बिना हेलमेट-बेल्ट के काम कर रहे थे। किसी ने इनकी सुरक्षा के बारे में नहीं सोचा, लेकिन बुधवार को दो मजदूरों की मौत के बाद शुक्रवार सुबह ही हेलमेट-बेल्ट की खेप आ गई। काम शुरू होने से पहले ही मजदूरों को हेलमेट-बेल्ट बांटे गए, लेकिन श्रम संगठनों के मुताबिक, इस्तेमाल की ट्रेनिंग के बगैर ये उपकरण सिर्फ दिखावा साबित होंगे।
इसी बीच मजदूरों की मौत के जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठने लगी है। माना जा रहा है कि श्रम संगठन आंदोलन भी कर सकते हैं।
सचिवालय निर्माण में कुल करीब 1500 मजदूर काम कर रहे हैं। एक आंकलन के मुताबिक, इनमें से आधे मजदूरों का रजिस्ट्रेशन है, जबकि बाकी बिना रजिस्ट्रेशन के काम करते हैं। इसी कारण ऐसे मजदूरों को मेहनताना भी कम मिलता है।
यहां काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि जब से सचिवालय बन रहा है, बिना हेलमेट-बेल्ट और जाल के काम कर रहे थे, लेकिन शुक्रवार को सुबह नौ बजे ही उन्हें ये चीजें दी गईं और छठे व पांचवें माले पर जाल भी डाला जाने लगा। पत्थर काटने के काम में जुटे मजूदरों को प्रदूषण से बचने के लिए मास्क भी दिया गया।