नई दिल्ली। बीजेपी ने विजय रुपानी को गुजरात का नया मुख्यमंत्री चुना है, लेकिन उनके नाम पर सहमति बनने से पहले काफी ‘खेल’ हुआ। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ की स्वीकृति के बाद ही उनका चुनाव किया गया। सूत्रों का कहना है कि आखिरी वक्त तक यह तय था कि नितिन पटेल ही अगले सीएम होंगे, लेकिन बैठक के दौरान बीजेपी के एक सीनियर नेता ने मोदी और नागपुर (संघ का मुख्यालय) फोन किया और फिर पासा रुपानी के पक्ष में पलट गया।
मोदी, संघ से ली स्वीकृति
इसके अलावा राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल पूरी तरह रुपानी के खिलाफ और नितिन पटेल के साथ थीं, लेकिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उनकी एक न चलने दी और रुपानी को सीएम चुना। सूत्रों ने कहा कि नितिन के नाम पर आखिर तक सहमति थी, लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि बीजेपी की बैठक तय समय से डेढ़ घंटे लेट शुरू हुई और बीजेपी के सीनियर नेता वी. सतीश को पीएम मोदी और नागपुर बात करनी पड़ी। इसी के बाद रुपानी को सीएम बनाने का फैसला किया गया।
रुपानी के खिलाफ आनंदीबेन
सूत्रों ने बताया कि आनंदीबेन पटेल आखिरी वक्त तक रुपानी के नाम पर विरोध जता रही थीं। उन्हें रुपानी के नाम से कितनी दिक्कत थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बतौर मुख्यमंत्री अपना इस्तीफा देने से पहले उन्होंने साफ-साफ कहा था कि पहले इस बात की घोषणा करो कि रुपानी सीएम रेस में शामिल नहीं होंगे तभी मैं इस्तीफा दूंगी। इसके बाद रुपानी ने खुद कहा था कि वह इस रेस में शामिल नहीं होंगे। इसी के बाद आनंदीबेन ने इस्तीफा दिया था।
शाह ने सख्त किए तेवर
रुपानी को शाह का पूरा समर्थन हासिल था और वह किसी भी कीमत पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। शाह ने तो रुपानी का विरोध कर रहे लोगों से साफतौर पर यह सवाल भी किया कि क्या वे 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों के परिणाम की जिम्मदोरी लेने को तैयार हैं।