नई दिल्ली। रीपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती का ऐलान करने के साथ ही आरबीआई ने कर्जधारकों को बड़ी सौगात दे दी है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने अन्य बैंकों पर कम हुई ब्याज दरों का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने का दबाव बनाया है। गवर्नर रघुराम राजन ने खुद कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि इस रेट का फायदा बैंक आम लोगों को भी पहुंचाएं। यदि बैंक ग्राहकों तक इस फायदे को पास करते हैं तो निश्चित तौर पर उन्हें बड़ा लाभ मिल सकेगा। हालांकि यह इस पर निर्भर करेगा कि बैंक ब्याज दरों में कितनी कटौती का निर्णय लेते हैं। यदि कोई बैंक ब्याज दरों में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को देने के मूड में नहीं है तो उनके पास तमाम मौके हैं। वह अपने लोन को रिफाइनैंस करा सकते हैं। इसके अलावा कर्जधारक अपने लोन को दूसरे बैंक में भी स्विच करा सकते हैं।
रीपो रेट में कटौती का अर्थ बैंकों को सस्ती दरों पर फंड मिलने से होगा। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि होम, कार और अन्य लोन के लिए बैंक ब्याज दरों में कटौती के लिए तैयार होंगे। बीते 18 महीनों में आरबीआई ने रीपो रेट में 1.50 पर्सेंट तक की कटौती की है। हालांकि बैंकों ने इसकी बजाय 0.50 पर्सेंट ही ग्राहकों तक पास किया है। यदि बैंक इस फैसले का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाते हैं तो उन्हें ये राहतें मिलेंगी।
कम होगी लोन की अवधि
यदि किसी ने 10 लाख रुपये का लोन ले रखा है और 20 महीने की अवधि निर्धारित है तो 10.50 पर्सेंट के इंटरेस्ट रेट से उसकी ईएमआई 9,983 रुपये बनती है। यदि रेट में 0.25 पर्सेंट की कटौती होती है और ईएमआई की रकम पहले जैसी ही रहती है तो लोन की अवधि 13 महीने कम हो जाएगी।
ईएमआई पर भी होगा असर
रेट कट का पहला असर ईएमआई पर ही देखने को मिलेगा। मान लीजिए 15 सालों के लिए 40 लाख के लोन की ईएमआई 9.50 पर्सेंट के ब्याज के अनुसार 41,769 है तो यह 41,168 रह जाएगी। यानी होम लोन वालों को हर महीने 600 रुपये की बचत होने लगेगी।
कम होगा ब्याज का बोझ
आरबीआई के इस फैसले का सीधा असर अदा करने वाले ब्याज पर पड़ेगा। यदि कोई व्यक्ति 15 साल के लिए 40 लाख का लोन चुका रहा है और बैंक .25 की कटौती करता है तो उसे 1,08,000 रुपये ब्याज कम चुकाना होगा।