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‘श्लोकों’ की मूल भावना को समझना, सभी को सुनने व समझने का बराबर अवसर देना ही सच्ची संसदीय परंपरा है: अखिलेश यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि ‘‘जहां सत्ता का अभिमान हो, विपक्ष का मान नहीं हो, ऐसी संसद के उद्घाटन में क्या जाना।’’ यादव ने ट्वीट किया, भाजपाइयों द्वारा संसद का दिखावटी उद्धाटन नहीं, बल्कि वहाँ पर लिखे ‘श्लोकों’ की मूल भावना को समझना, सभी को सुनने व समझने का बराबर अवसर देना ही सच्ची संसदीय परंपरा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां सत्ता का अभिमान हो परंतु विपक्ष का मान नहीं, वो सच्ची संसद हो ही नहीं सकती, उसके उद्घाटन में क्या जाना।

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि ‘‘जहां सत्ता का अभिमान हो, विपक्ष का मान नहीं हो, ऐसी संसद के उद्घाटन में क्या जाना।’’ यादव ने ट्वीट किया, भाजपाइयों द्वारा संसद का दिखावटी उद्धाटन नहीं, बल्कि वहाँ पर लिखे ‘श्लोकों’ की मूल भावना को समझना, सभी को सुनने व समझने का बराबर अवसर देना ही सच्ची संसदीय परंपरा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां सत्ता का अभिमान हो परंतु विपक्ष का मान नहीं, वो सच्ची संसद हो ही नहीं सकती, उसके उद्घाटन में क्या जाना।