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महिला कांस्टेबल के साथ ट्रेन में छेड़खानी करने वाले आरोपी को पुलिस और एसटीएफ की टीम ने मिलकर एनकाउंटर में मार गिराया

उत्तर प्रदेश में महिला कॉन्स्टेबल के साथ जानलेवा हमला करने और बदसलूकी करने के आरोपी को पुलिस और एसटीएफ की टीम ने मिलकर एनकाउंटर में मार गिराया है। इस एनकाउंटर में आरोपी के दो अन्य साथी घायल हुए है। पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपी क्रॉस फायरिंग में मारा गया है।

इस घटना को लेकर विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, ‘‘सरयू एक्सप्रेस में महिला आरक्षी पर हमले की घटना का मुख्य आरोपी अनीश खान आज अयोध्या के पूरा कलंदर में पुलिस के साथ मुठभेड़ में घायल हो गया और उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां बाद में उसने दम तोड़ दिया।’’ वह हैदरगंज थाना क्षेत्र के दसलावन का रहने वाला था।

 

कुमार ने कहा, ‘‘उसके दो अन्य साथी आजाद और विशंभर दयाल दुबे भी घायल हो गए तथा उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।’’ उन्होंने बताया कि आजाद दसलावन का ही रहने वाला है जबकि दुबे सुलतानपुर जिले के कूरेभार का रहने वाला है। पुलिस ने बताया कि इस मुठभेड़ में पूरा कलंदर के थानाध्यक्ष रतन शर्मा भी घायल हो गए, जिनका इलाज जिला चिकित्सालय में चल रहा है। गिरफ्तार किए गए दोनों अभियुक्तों ने अनीश खान के साथ मिलकर महिला आरक्षी पर हमले की घटना में शामिल होने की बात स्वीकार की है।

 

ये था मामला

जानकारी के मुताबिक एनकाउंटर में जिस आरोपी को पुलिस ने मार गिराया है वो अनीस महिला कांस्टेबल के साथ ट्रेन में छेड़खानी कर रहा था। महिला सिपाही ने इसका विरोध किया और आरोपी को पटक दिया तो मामला बढ़ गया। आरोपी ने दो साथियों के साथ मिलकर महिला कांस्टेबल पर जानलेवा हमला कर दिया। इसके साथ ही महिला का चेहरा भी खून से लथपथ हो गया था।

 

महिला आरक्षी को 30 अगस्त को सरयू एक्सप्रेस के एक डिब्बे के अंदर खून से लथपथ पाया गया था और उसके चेहरे पर चोटों के कई निशान थे। बाद में उसे लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत स्थिर बताई गई है। घटना के संबंध में उसी दिन राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी), अयोध्या में मामला दर्ज किया गया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर द्वारा घटना का स्वत: संज्ञान लेने के बाद मामले में आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने का जिम्मा स्थानीय पुलिस और जीआरपी के साथ विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को सौंपा गया था।