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राक्रांपा के एनडीए के जुड़ने से शिंदे गुट नाराज, मंत्री बोले-इस मुद्दे का हल निकाले, अपने नेताओं का नाराज होना भी पार्टी के लिए ठीक नहीं

महाराष्ट्र शिरसाट ने कहा कि मुझे पता था कि राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता हमारे पास आएंगे, लेकिन इतनी जल्दी आएंगे यह नहीं पता था। वही लोग एनसीपी छोड़कर भाजपा में शामिल होना चाहते थे।

महाराष्ट्र की राजनीति में उथल -पुथल जारी है। एनसीपी से बगावत कर अजित पवार देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के साथ मिल गए हैं। उन्होंने हाल ही में पांचवीं बार राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। इसी मसले पर एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना के नेता संजय शिरसाट ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि राजनीति में जब हमारा प्रतिद्वंद्वी हमारे साथ आना चाहता है, तो हमें उन्हें शामिल करना पड़ता है। वहीं भाजपा ने किया है।

शिरसाट ने कहा कि मुझे पता था कि राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता हमारे पास आएंगे, लेकिन इतनी जल्दी आएंगे यह नहीं पता था। वही लोग एनसीपी छोड़कर भाजपा में शामिल होना चाहते थे। उन्होंने आगे कहा कि राजनीति का उसूल है कि कोई प्रतिद्वंद्वी नेता अगर आपकी पार्टी में शामिल होना चाहता है, तो आपको शामिल करना पड़ता है। यही नीति भारतीय जनता पार्टी ने अपनाई है।

शिवसेना नेता ने आगे कहा कि एनसीपी के नेताओं के आने से हमारे कुछ लोग नाराज है, क्योंकि उनमें से कुछ को पद मिलने वाला था, जो अब नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम झूठ क्यों बोलें कि सब खुश है। सच यही है कि हमारे सभी नेता इस फैसले से खुश नहीं है। शिरसाट ने कहा कि इस बात से मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया गया है। उन्हें इस मुद्दे को हल करना होगा। क्योंकि अपने नेताओं का नाराज होना भी पार्टी के लिए ठीक नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि हम हमेशा एनसीपी के खिलाफ थे और आज भी हैं। हम शरद पवार के खिलाफ हैं। शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को सीएम के रूप में इस्तेमाल किया था। जब उद्धव सीएम थे तो एनसीपी (शरद पवार) सरकार चलाते थे।