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RTI कार्यकर्ता उर्वशी ने मजिस्ट्रेट पर लगाया ये आरोप, की शिकायत

दरअसल, पुलिस द्वारा झूठ बोलकर छल-प्रपंच से सीआरपीसी की धारा 46(4) के खिलाफ उर्वशी को देर रात गिरफ्तार करने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लखनऊ पुलिस के खिलाफ जांच शुरू की ही थी कि इसी बीच उर्वशी ने लखनऊ के अपर नगर मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) संजय कुमार पाण्डेय पर भी पुलिस के साथ मिलकर उनके खिलाफ महिला विरोधी मानसिकता के तहत आपराधिक साजिश करने, गिरफ्तारी और जमानत के रिकॉर्ड में हेराफेरी करने, पत्रावली गायब करने, कूटरचित पत्रावली तैयार करने जैसे संगीन आरोप लगाते हुए मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक के साथ-साथ लखनऊ के डीएम और एसएसपी को पत्र लिखकर मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ एफआईआर कर विधिक कार्रवाई कराने की मांग की है।

बकौल उर्वशी बीती 11 जुलाई की सायं 5 बजे के बाद उन्हें महिला थाना हजरतगंज से सीधे न्यायालय अपर नगर मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) लाया गया, जहां संजय कुमार पाण्डेय ने उनसे थाना विभूतिखंड की सीआरपीसी धारा 151, 107, 116 की रिपोर्ट दिनांकित 10 जुलाई की पत्रावली के आदेश पर हस्ताक्षर कराकर 23 जुलाई को उपस्थिति के लिए कहा था, किन्तु 23 जुलाई को उनके न्यायालय पंहुचने पर पता चला कि यह पत्रावली गायब थी और इस पत्रावली में दिनांक 11 जुलाई को लगाए गए उनके प्रपत्रों को थाना विभूतिखंड की सीआरपीसी धारा 107, 116 की एक कूटरचित पत्रावली संख्या 738/2016 में प्रयोग करने की आपराधिक साजिश की गयी थीl

उर्वशी ने बताया कि इस पत्रावली को देखने से ही लगता है कि यह पत्रावली रातों रात बनाई गयी है। क्योंकि इस पत्रावली में ओवरराइटिंग भी की गयी है और इसके आदेश कूटरचित हैंl इस पत्रावली की 26 मई की चालानी रिपोर्ट में उनके साथ साथ एक अन्य पुरुष अशोक कुमार गोयल का भी नाम दिखाया गया है। लेकिन पुरुष होते हुए भी गोयल की गिरफ्तारी नहीं की गयी है और उनको सीआरपीसी के प्रावधानों के प्रतिकूल रात 9 बजे के बाद गिरफ्तार किया गया।