रक्षाबंधन 2023 की 10 खास बातें
1- रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन पर्व को भाई-बहन के प्रेम और सदभाव के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है इसके बदले में भाई बहन को भेंट देता है एवं सदैव उसकी रक्षा करने का वचन भी देता है। अच्छे मुहूर्त अथवा भद्रारहित काल में भाई की कलाई में राखी बांधने से भाई को कार्य सिद्धि और विजय प्राप्त होती है।
2- रक्षाबंधन 2023 की पूर्णिमा तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 30 अगस्त 2023 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट होगी। जबकि पूर्णिमा तिथि का समापन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 5 मिनट पर होगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 30 अगस्त 2023 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट होगी। जबकि पूर्णिमा तिथि का समापन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 5 मिनट पर होगा।
5- 30 अगस्त को भद्रा पूंछ और मुख का समय
मुहूर्त शास्त्र के अनुसार जब भी भद्रा की स्थिति हो ऐसे में भद्रा मुख का त्याग करके भद्रा पूंछ के समय को देखकर शुभ कार्य किया जा सकता है। 30 अगस्त को भद्रा पूंछ का समय शाम 05 बजकर 30 मिनट से लेकर 06 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। वहीं 30 अगस्त को भद्रा मुख का समय शाम 06 बजकर 31 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।
मुहूर्त शास्त्र के अनुसार जब भी भद्रा की स्थिति हो ऐसे में भद्रा मुख का त्याग करके भद्रा पूंछ के समय को देखकर शुभ कार्य किया जा सकता है। 30 अगस्त को भद्रा पूंछ का समय शाम 05 बजकर 30 मिनट से लेकर 06 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। वहीं 30 अगस्त को भद्रा मुख का समय शाम 06 बजकर 31 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।