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राष्ट्रपति 20 सितंबर को एशिया प्रशांत क्षेत्र के राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों द्विवार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 20 सितंबर को एशिया प्रशांत क्षेत्र के राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों (एनएचआरआई) के द्विवार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। इसका आयोजन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा एशिया पैसिफिक फोरम (एपीएफ) के सहयोग से 20-21 सितंबर तक विज्ञान भवन में किया जाएगा। एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि सदस्य देशों के साझा हित के मुद्दों पर चर्चा के लिए एपीएफ 20 सितंबर को अपनी 28वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) भी आयोजित करेगा। सम्मेलन में भारत और दूसरे देशों के 1,300 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है।

सम्मेलन में 23 देशों और पांच पर्यवेक्षक देशों के एनएचआरआई के प्रमुख, सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों, राज्य मानवाधिकार आयोगों, विशेष प्रतिवेदकों, देश में मानवाधिकारों के संरक्षण और प्रचार में शामिल विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। नागरिक समाज और गैर सरकारी संगठनों के सदस्य, मानवाधिकार रक्षक, वकील, न्यायविद, शिक्षाविद, राजनयिक, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि भी इसमें हिस्सा लेंगे। इससे पहले 2002 और 2014 में एशिया पैसिफिक फोरम की आम बैठक और सम्मेलन का भारत में आयोजन हुआ था। बयान में कहा गया कि 21 सितंबर को, द्विवार्षिक सम्मेलन मानवाधिकारों पर सार्वभौमिक घोषणा (यूएनडीएचआर) की 75वीं वर्षगांठ को चिह्नित करेगा।

बयान में कहा गया है कि यह पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर एक उप-विषय के साथ राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों और पेरिस सिद्धांतों के 30 साल का भी उत्सव मनाएगा। सम्मेलन के दौरान ‘परिदृश्य की स्थापना-पूरे एशिया और प्रशांत क्षेत्र में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के 30 वर्ष’ विषयों पर तीन पूर्ण सत्र आयोजित किए जाएंगे। द्विवार्षिक सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से प्रभावित मानवाधिकारों पर कदम उठाने के लिए समुदायों का समर्थन करने की दिशा में अच्छी प्रथाओं को साझा करने का अवसर प्रदान करना भी है। बयान में कहा गया है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र एनएचआरआई की स्थापना को बढ़ावा देने और मानवाधिकारों को यथासंभव प्रभावी ढंग से लागू करने में सहयोग के लिए एनएचआरसी, भारत सहित पांच एनएचआरआई के सहयोग से 1996 में एशिया पैसिफिक फोरम की स्थापना की गई थी। पांच संस्थापक सदस्यों से एपीएफ की सदस्यता बढ़कर 26 एनएचआरआई तक हो गई है।