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परम पावन दलाई लामा 88वें जन्मदिन पर पीएम मोदी ने दी हार्दिक शुभकामनाएं

14वें दलाई लामा तेनज़िन ग्यात्सो का जन्म आज ही के दिन यानी 6 जुलाई, 1935 को उत्तरपूर्वी तिब्बत के अमदो के तकत्सेर में एक किसान परिवार में हुआ। ल्हामो धोंडुप के रूप में जन्मे तेनज़िन ग्यात्सो को 13वें दलाई लामा थुबटेन ग्यात्सो की कुछ वस्तुओं की पहचान करने के बाद उनके पुनर्जन्म के रूप में पहचाना गया। 1959 में चीनी सेना द्वारा तिब्बती विद्रोह के क्रूर दमन के बाद दलाई लामा भारत आये। तब से 88 वर्षीय बुजुर्ग धर्मशाला में रह रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दलाई लामा को उनके 88वें जन्मदिन पर बधाई दी है।

पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि परम पावन दलाई लामा से बात की और उनके 88वें जन्मदिन पर उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी धर्मगुरु दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि परमपावन दलाई लामा को उनके 88वें जन्मदिन के अवसर पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। मुझे उम्मीद है कि वो आने वाले अनगिनत वर्षों तक दयालुता और सहानुभूति फैलाते रहेंगे।

1989 में दलाई लामा को उनके सभी जीवित चीजों के प्रति श्रद्धा के दर्शन और एक सार्वभौमिक जिम्मेदारी के विचार जो मनुष्य और प्रकृति दोनों को गले लगाता है के सम्मान में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके जन्मदिन के मौके पर बोधगया स्थित तिब्बती मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई। इसके अलावा बोधगया महाबोघि मंदिर में भी उनकी लंबी आयु के लिए अनुयायियों ने प्रार्थना की। देश विदेश से बौद्ध श्रद्धालु बोधगया में जुटे हैं।