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बंगाल हिंसा पर घिरी ममता: थोड़ी देर बाद कोलकाता HC में सुनवाई, मौके पर पहुंचीं फोरेंसिक टीमें

कोलकाता पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में हुई ताजा हिंसा का मामला गहराता जा रहा है। मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर केस दायर कर लिया है। वहीं राज्य की फोरेंसिक टीम (SFSL) और एसआईटी टीम मौके पर पहुंच गई है। इस बीच विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में विपक्षी विधायकों का एक दल आज घटनास्थल का जायजा लेने जाएगा।

इस हिंसा को लेकर ममता सरकार की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ आज दोपहर 2 बजे मामले में सुनवाई करेगी। कोर्ट ने रामपुरहाट नरसंहार मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। रामपुरहाट हिंसा में 10 लोगों की मौत हो चुकी है। आठ लोगों को घरों में जिंदा जला दिया गया। आज दोपहर 2.30 बजे सुवेंदु अधिकारी के साथ भाजपा सांसद अर्जुन सिंह, ज्योतिर्मय सिंह महतो भी रामपुरहाट जाएंगे।

दरअसल, बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट में टीएमसी नेता की हत्या के बाद सोमवार देर रात हिंसा भड़क गई थी। यहां भीड़ ने 10-12 घरों के दरवाजे को बंद कर आग लगा दी। एक ही घर से 8 लोगों के शव निकाले गए हैं। भड़की हिंसा में अब तक कुल 10 लोगों की मौत हो गई है। रामपुरहाट में टीएमसी के उपप्रधान की हत्या का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया।

महिला आयोग ने लिया संज्ञान, 24 घंटे में मांगा जवाब
उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने बीरभूम जिले की हिंसक घटनाओं का संज्ञान लिया है। आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी और बीरभूम के एसपी को दोषियों को गिरफ्तार करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्हें 24 घंटे के भीतर आयोग को मामले में की गई कार्रवाई से अवगत कराने को भी कहा है।
बम फेंककर की गई हत्या
बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट में सोमवार देर रात बम फेंककर पंचायत नेता भादू शेख की हत्या कर दी गई थी। जानकारी के अनुसार शेख स्टेट हाईवे 50 पर जा रहे थे। तभी अज्ञात लोगों ने उन पर बम फेंक दिया जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद उन्हें रामपुरहाट के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

पिछले साल भी चुनावी हिंसा में 16 लोगों की गई थी जान
यह पहली बार नहीं है जब पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की घटना हुई है। पिछले साल चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद हुई हिंसा में कम से कम 16 लोगों की जान चली गई थी। इस हिंसा की जांच कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपी है।