चिरांगराई (थाईलैंड)। थाईलैंड की थाम लुआंग गुफा में 15 दिनों से फंसे 12 लड़कों और उनके फुटबॉल कोच में से 4 को बाहर निकालने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया. रविवार रात को यह अभियान करीब 10 घंटों के लिए रोका गया था. एक बार फिर अब सोमवार को ये ऑपरेशन शुरू हो गया है. मौके पर कई एंबुलेंस मौजूद हैं.
बचाव अभियान के पहले चरण में रविवार को अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, चीन, यूरोप और थाईलैंड के विशेषज्ञ शामिल थे. चार युवा फुटबॉल खिलाड़ियों को गुफा से निकालने के बाद हेलीकॉप्टर के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया है.
इस अभियान में अब बेबी सबमरीन की मदद भी ली जा सकती है. पूरे ऑपरेशन में कुल 90 गोताखोर जुटे हैं. इनमें 40 थाई जबकि 50 अन्य देशों के गोताखोर हैं.
Simulating maneuvering through a narrow passage pic.twitter.com/2z01Ut3vxJ
— Elon Musk (@elonmusk) July 9, 2018
इस बीच गुफा के बाहर तेज बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दरअसल तमाम रेस्क्यू ऑपरेशन फेल होने के बाद आनन-फानन में बच्चों को बाहर निकालने के लिए 13 विदेशी गोताखोर और थाइलैंड नेवी सील के 5 गोताखोर लगाए गए. इसमें 10 गोताखोरों ने पहले चरण में अभियान को अंजाम दिया. प्लान के मुताबिक अंदर पहुंचकर दो गोताखोरों की मदद से एक बच्चे को बाहर निकाला गया.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस अभियान के बारे में ट्वीट कर कहा कि उनका देश थाईलैंड के साथ मिलकर बच्चों को सुरक्षित गुफा से बाहर निकालने में मदद कर रहा है. ट्रंप ने कहा कि ये सभी बहादुर और प्रतिभासंपन्न हैं.
आपको बता दें कि दरअसल ‘वाइल्ड बोर्स’ नाम की यह फुटबॉल टीम गुफा में 23 जून से फंसी है. ये लोग घूमते हुए गुफा तक पहुंचे थे और तेज मॉनसूनी बारिश की वजह से गुफा में ही फंस गए. गुफा में काफी पानी भर जाने के बाद फुटबॉल खिलाड़ी अपने कोच के साथ वहीं फंस गए.
इन्हें बचाने की कोशिश कई दिनों से जारी है. पहले गुफा से पानी निकालने की कोशिश की गई, लेकिन बारिश के बाद पहाड़ से रिसकर यहां फिर से पानी भर जा रहा है. पानी निकालने के लिए पहाड़ में 100 से अधिक छेद भी किए गए, लेकिन यह भी कारगर नहीं रहा.
आपको बताते चलें कि यह गुफा समतल न होकर ऊंची-नीची सतह की है. इसमें पानी भर जाने से अब गुफा के अंदर कई जगहों पर पानी के भीतर गोता लगाकर बाहर आना पड़ेगा. इन बच्चों को गोताखोरी (पानी के भीतर तैरना) या तैराकी (पानी की सतह पर तैरना) नहीं आता है. इस वजह से भी बचाव अभियान को शुरू करने में काफी समय लग गया. बचाव कर्मियों ने पहले कुछ दिन इन्हें तैराकी और गोताखोरी सिखाई.