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जयशंकर में पाकिस्तान पर साधा निशाना, कहा- हम सूचना प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञ हैं और वे अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादियों में विशेषज्ञ हैं

विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर ने वडोदरा में 60 विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के साथ लक्ष्मी विलास पैलेस का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज गर्व की बात है कि विदेश के 50 से ज्यादा राजदूतों के साथ हम यहां आए हैं। कार्यक्रम में विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने युद्ध के बीच में राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति जेलेंस्की दोनों को फोन किया। फोन कर उन्होंने थोड़ी देर के लिए गोलीबारी रूकवाया ताकि हमारे लोग बाहर निकल सकें। 24 फरवरी को लड़ाई(रुस और यूक्रेन के बीच) शुरू हुई। उस समय हमारे करीब 20 हजार विद्यार्थी वहां पर फंसे हुए थे…जब से लड़ाई शुरू हुई प्रधानमंत्री की नजर इस पर थी।

विदेश मंत्री ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट का सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे देश में हुआ। उस समय पूरी दुनिया से दवाइयां, वेंटिलेटर आदि चीजें आई। उस समय ऑक्सीजन की भी बहुत कमी थी तो हमने बाहर से ऑक्सीजन मंगाया था। उस समय पीएम की दूर दृष्टि थी कि उन्होंने कहा कि वैक्सीन के समय हम दुनिया की मदद करें। प्रधानमंत्री के कहने पर अमेरिकी प्रशासन ने भारत को रक्षा उत्पादन अधिनियम में छूट दी और उसके कारण हमारा वैक्सीन कार्यक्रम सुचारू रूप से चला।

जयशंकर ने कहा कि क्सीन का जो कच्चा माल होता है वो हर देश अपने लिए रोक रहा था। हमारे लिए समस्या थी की दुनिया की सप्लाई चैन अगर हमारे लिए काम नहीं करेगी तो हम वैक्सीन कैसे बनाएंगे। ऐसे में पीएम ने अमेरिकी राष्ट्रपति को समझाया कि आप दुनिया के वैक्सीन सप्लाई चैन को मत रोकिए। इस दौरान जयशंकर ने पाकिस्तान पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि हम एक पड़ोसी हैं, जैसे हम आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) में विशेषज्ञ हैं और वे अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादियों में विशेषज्ञ हैं। यह वर्षों से चल रहा है, लेकिन हम दुनिया को समझा सकते हैं कि आतंकवाद आतंकवाद है।