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पीएम मोदी की तरफ से भारत की ओर से कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा पर रोक लगाये जाने के बाद चिंता, भारत में कई शांदिया खतरे में

भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव का असर आम जनता पर दिखना शुरू हो गया है क्योंकि बड़ी संख्या में भारतीय या भारतीय मूल के लोग कनाडा में रहते हैं। देखा जाये तो भारत की ओर से कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा पर रोक लगाये जाने के बाद दोनों ओर चिंता देखी जा रही है क्योंकि भारत में नवंबर-दिसंबर में होने वाली तमाम शादियों में आने के लिए कनाडाई मेहमान काफी समय से तैयारी कर रहे थे। दिल्ली और पंजाब में तो कई ऐसे परिवार हैं जिनके अधिकांश रिश्तेदार कनाडा में ही बसे हुए हैं। शादियों की तारीख तय हो चुकी है। बैंड बाजा बुक हो चुका है, बारात आयेगी मगर मेहमान नहीं आ पाएंगे तो क्या होगा, यह चिंता कई परिवारों को सता रही है। इसके साथ ही उन बिजनेस कांफ्रेंसों का आयोजन भी खतरे में पड़ गया है जिसमें कनाडाई प्रतिनिधिमंडल शामिल होने वाले थे या यहां से प्रतिनिधिमंडल कनाडा जाने वाले थे। देखा जाये तो यहां से कनाडा जाने वालों को डर सता रहा है कि यदि कनाडा सरकार ने भी भारतीयों के लिए वीजा पर रोक लगा दी तो वह वहां जाकर कहीं फंस नहीं जायें। कनाडा जाने की योजना बना रहे लोगों का यह भी कहना है कि पहले ही कनाडा का वीजा हासिल करना एक कठिन कार्य था क्योंकि बिना किसी आधार के वीजा आवेदन को नामंजूर कर दिया जाता है, ऐसे में इस हालात में तो वीजा हासिल करना और भी मुश्किल हो गया है। बड़ी संख्या में ऐसे छात्र भी हैं जो कनाडा के कॉलेजों में दाखिला ले चुके हैं और वहां जाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन अब उनके मन में चिंता बैठ गयी है। देखा जाये तो भारत से जो छात्र विदेशों में पढ़ने जाते हैं उनमें कनाडा जाने वालों की संख्या हाल में काफी बढ़ी है। 2022 के आंकड़े दर्शाते हैं कि विदेश जाने वाले कुल छात्रों में से 40 प्रतिशत छात्र कनाडा जाते हैं। बताया जाता है कि इस समय कनाडा में तीन लाख भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं। ऐसे में भारत में उनके माता-पिता की चिंता भी बढ़ गयी है।

दूसरी ओर, भारत और कनाडा में रहने वाले रिश्तेदार एक दूसरे को फोन लगा कर हालात का जायजा लेने में जुटे हैं। परिवार इस बारे में चर्चा कर रहे हैं कि यदि दोनों देशों के संबंधों में सुधार नहीं आता तो क्या शादी या अन्य समारोह की तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव ने उन परिवारों को भी चिंता में डाल दिया है जिनका कोई सदस्य कनाडा में काम कर रहा है। इन परिवारों ने दोनों देशों से इस मुद्दे को मैत्रीपूर्ण ढंग से सुलझाने की मांग की है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने हाल ही में कनाडा में अच्छी नौकरी मिलने के बाद भारत में अपनी नौकरी छोड़ दी थी। ऐसे लोगों का भी कनाडा जाकर बसने का सपना मंझधार में फंस गया है। पंजाब के कई परिवार भारत और कनाडा के बीच बढ़ते राजनयिक विवाद से चिंतित हैं। उल्लेखनीय है कि पंजाब के लोगों के लिए पढ़ाई करने और बसने के लिए पसंदीदा देशों में से एक कनाडा है। इसके अलावा ट्रैवल एजेंटों के भी फोन लगातार घनघना रहे हैं। लोग उनसे पूछ रहे हैं कि हालात में सुधार कब तक आ सकता है या वीजा आवेदन को इस समय दिया जाये या नहीं। यह भी पूछ जा रहा है कि क्या भारत आने पर होटल या अन्य जो बुकिंग करवाईं थीं उन्हें आगे बढ़ाना संभव है या नहीं? पंजाब क कपूरथला स्थित ‘इमिग्रेशन कंसल्टेंसी सर्विसेज कंपनी’ के प्रतिनिधि इंद्रपाल सिंह ने बताया कि उन्हें कई कनाडाई नागरिकों के फोन आए हैं जो इस साल नवंबर महीने में शादी समारोह में शामिल होने के लिए भारत आना चाहते हैं। इंद्रपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने हालात को देखते हुए होटल में बुकिंग और टिकट रद्द कर दिए हैं। यह स्थिति उनके कारोबार को भी प्रभावित करेगी।