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कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई, CBI करेगी बीरभूम हिंसा जांच, CIT जांच कराने की मांग

कोलकाता। बंगाल के बीरभूम में 22 मार्च को घरों में आग लगने से आठ लोगों की मौत हो गई थी। यह घटना टीएमसी नेता की हत्या के एक दिन के बाद हुई थी। मरने वालों में तीन महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं। मृतकों में एक नवविवाहित जोड़ा लिली खातून और काजी साजिदुर भी शामिल है। ऑटोप्सी रिपोर्ट में कथित तौर पर कहा गया है कि पीड़ितों को जिंदा जलाने से पहले पीटा गया था। इस घटना ने स्थानीय लोगों को रामपुरहाट के बोगटुई गांव से भागने के लिए प्रेरित किया जहां हिंसा हुई थी।

बंगाल सरकार ने एक एसआईटी का गठन किया है और अब तक कम से कम 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ितों के परिवारों के लिए 5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बंगाल को आज दोपहर 2 बजे तक रामपुरहाट हिंसा पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। अदालत ने राज्य को निर्देश दिया है कि वह जिला न्यायाधीश की उपस्थिति में सीसीटीवी कैमरे लगाए और घटना स्थल की चौबीसों घंटे निगरानी करे। इसने दिल्ली से एक फोरेंसिक टीम को जांच के लिए मौके से तुरंत सबूत इकट्ठा करने का निर्देश दिया है और राज्य को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि चश्मदीदों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

भारतीय जनता पार्टी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कलकत्ता उच्च न्यायालय तय करेगा कि क्या मामला जांच के लिए सीबीआई को भेजा जाएगा।

हिंदू सेना सुप्रीम कोर्ट पहुंची, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से SIT जांच कराने की मांग
हिंदू सेना के अध्यक्ष द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है, जिसमें एक सेवानिवृत्त SC न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली SIT द्वारा बीरभूम हिंसा की जांच की मांग की गई है।